सरकार ने नहीं सुनी गुहार तो ग्रामीणों ने हाईवे किया जाम, कांकेर की बजाय नारायणपुर जिले में रहना चाहते हैं यहां के लोग
सरकार ने नहीं सुनी गुहार तो ग्रामीणों ने हाईवे किया जाम, कांकेर की बजाय नारायणपुर जिले में रहना चाहते हैं यहां के लोग

कांकेर। इस जिले के 58 गांवों के हजारों ग्रामीणों ने नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर स्टेट हाइवे पर चक्काजाम कर दिया है। जिला मुख्यालय काफी दूर होने के चलते कांकेर के इन गांवों के लोग नारायणपुर जिले में ही रहना चाहते हैं। इनके 2 दिवसीय आंदोलन के चलते अन्तागढ़ – नारायणपुर मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है।

डेढ़ दशक पहले हुआ है जिले का गठन

नारायणपुर जिला सन 2007 में बना था। तब से इन 58 गांवों के ग्रामीण अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। अपनी इस मांग को लेकर यहां के ग्रामीण राजधानी रायपुर तक पैदल मार्च भी कर चुके हैं, मगर आश्वासन मिलने के बावजूद इनकी बरसों पुरानी मांग अब तक पूरी नहीं हो सकी है। जिसके बाद एक बार फिर हजारों ग्रामीण नारायणपुर जाने वाले मार्ग पर सड़क जाम कर विरोध जता रहे हैं।

इन पंचायतों से जिला मुख्यालय है काफी दूर

कांकेर जिले के कोलर क्षेत्र से भैसगांव, कोलर, तालाबेड़ा, बैंहासालेभाट, फूलपाड़ एंव बण्डापाल क्षेत्र से कोसरोंडा, देवगांव, गवाडी, बण्डापाल, मातला- ब, अर्रा, मुल्ले व करमरी ग्राम पंचायत शामिल हैं। इन पंचायतों में निवासरत ग्रामीणों को शासकीय कार्यों के लिए 150 किलोमीटर का सफर तय कर कांकेर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है, जबकि इन गांवों से नारायणपुर जिला मुख्यालय की दूरी सिर्फ 20 किलोमीटर है।

विकास से भी दूर हैं ये गांव

चक्काजाम करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि जिला मुख्यालाय से दूरी अधिक होने के कारण उनके इलाके में विकास कार्य भी नहीं हो पाते। ग्रामीणों के मुताबिक उनका यह चक्काजाम दो दिनों तक चलेगा। लंबे समय से ग्रामीण कांकेर से नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। कोलर के पास लगभग डेढ़ से 2 हजार ग्रामीण सड़क पर बैठे हुए हैं। इससे पहले भी कोलर क्षेत्र के 58 गांव के ग्रामीण सरकार से गुहार लगाने के लिए पदयात्रा कर राजधानी रायपुर जा चुके हैं।

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