BREAKING : शक्कर कारखाने में Central GST और Excise का छापा, टैक्स चोरी सहित भ्रष्टाचार की हैं ढेरों शिकायतें, दफ्तर सील कर की जा रही है जांच
BREAKING : शक्कर कारखाने में Central GST और Excise का छापा, टैक्स चोरी सहित भ्रष्टाचार की हैं ढेरों शिकायतें, दफ्तर सील कर की जा रही है जांच

सूरजपुर। यहां के ग्राम केरता स्थित माँ महामाया शक्कर कारखाने में सेंट्रल जीएसटी और एक्साइज टीम के संयुक्त छापे से हड़कंप मचा हुआ है। यहां सालों से की जा रही गड़बड़ियों की जांच तब शुरू की गई जब सांसद रामविचार नेताम ने यह मुद्दा राजयसभा में उठाया।

कारखाने को सील कर शुरू की जांच

केरता स्थित शक्कर कारखाने में इन दिनों किसान वाहनों में अपना गन्ना लेकर पहुँच रहे हैं। इसी दौरान सेंट्रल जीएसटी और एक्साइज की टीम यहां पहुंची और पूरे कारखाने को सील कर जांच की कार्रवाई शुरू की। यहां सभी अधिकारी-कर्मचारियों को अंदर ही रोक दिया गया और इनके मोबाइल बंद करवा दिए गए। इससे यहां अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया, क्योकि अंदर क्या हो रहा है, इसकी खबर बाहर तक नहीं पहुँच रही थी। चूँकि कारखान चारों तरफ से सील कर दिया गया था इसलिए यहां वाहनों का जाम लग गया, हालांकि इससे हो रही परेशानी को देखते हुए शाम के वक्त एक तरफ का द्वार खोला गया तब जाकर गन्नों की अनलोडिंग शुरू हो सकी।

सांसद नेताम ने राज्यसभा में उठाया था मुद्दा

संसद के पिछले सत्र में राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित, केरता में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किये जाने सम्बन्धी मुद्दा राज्यसभा में उठाया था। उन्होंने बताया कि शक्कर कारखाने में व्यापक भ्रष्टाचार किया जा रहा है, जिसके चलते किसानों को भारी आर्थिक क्षति हो रही है तथा कारखाने को भी चपत लगाया जा रहा है।

शक्कर और मोलसिस की बिना टेंडर कम कीमत पर बिक्री

सांसद रामविचार नेताम ने बताया कि छत्तीसगढ़ के दूसरे शक्कर कारखानों में मोलासीस को 6500/- से लेकर 7000/- प्रति टन के दर से विक्रय किया गया है, मगर मां महामाया शक्कर कारखाने में बिना निविदा आमंत्रित किए 5500/- की दर से अपने चहेते फर्म को मोलासीस बेच कर भ्रष्टाचार किया गया। इसी तरह केंद्र सरकार द्वारा 33/- किलो की दर से शक्कर बेचने का दर तय किया गया है, मगर इस कारखाने में बगैर निविदा के 31/- किलो की दर से शक्कर बेच दिया गया है। यहां बिना वैकेंसी के सैकड़ों नियुक्तियां की गई हैं और उसमे से ज्यादातर कर्मचारी फैक्टरी में कार्यरत ही नहीं है और उनका वेतन उनके खाते में जमा किया जा रहा है। गन्ना परिवहन के निविदा में भी व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी जांच कर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने की मांग उन्होंने की थी।

मशीनों की कई गुना ज्यादा कीमत पर खरीदी

मां महामाया शक्कर कारखाने में हो रही गड़बड़ियों की लम्बे समय से शिकायत करते आ रहे अंबिकापुर के भाजपा नेता रविंद्र तिवारी ने TRP न्यूज़ को बताया कि शक्कर कारखाने में आने वाली मशीनों और उपकरण की सही दर से कई गुना ज्यादा कीमत पर खरीदी दिखाई गई। वहीं इस गड़बड़ी के दौरान GST के पैसे भी बचाये गए और ऐसा करके करोड़ों का खेल किया गया।

अतिरिक्त शक्कर बचा कर खुले में बेचा

दरअसल गन्ने के वजन के हिसाब से शक्कर के उत्पादन की मात्रा लगभग तय होती है। महामाया शक्कर कारखाने में प्रति क्विंटल गन्ने के मुकाबले शक्कर का उत्पादन लगभग साढ़े 11 प्रतिशत होता है, मगर उसे यहां 2 प्रतिशत कम करके बताया गया। ऐसा करके कारखाने में करोड़ों के शक्कर बचा लिए गए और उसे टेंडर करने की बजाय चोरी छिपे बेच दिया गया। इससे जहां एक और सरकार को नुकसान हुआ वहीं दूसरी ओर एक्साइज़ टैक्स की भी चोरी की गई।

37 सेकंड में एक ट्रक गन्ने की अनलोडिंग..!

महामाया शक्कर कारखाने में ट्रांसपोर्टिंग के नाम परभारी गड़बड़ी की गई। किसान अपने गांव से जो गन्ना ट्रक में 10 हजार रूपये में लाते थे, उसे कारखाना संचालकों द्वारा जबरिया अपने टेंडर वाले ट्रकों में ढुलवाया गया और दुगुना भाड़ा वसूला गया। इसके अलावा इनके द्वारा हर रोज फर्जी तरीके से ज्यादा मात्रा में गन्ना लाना दिखाया जाता। इनकी यह चोरी तब पकड़ी गई जब किसानों ने दिन भर में गन्ना लेकर आये वाहनों का आंकड़ा निकाला तब पता चला कि संख्या के मुताबिक यहां 37 सेकंड में एक ट्रक गन्ने की अनलोडिंग हुई थी, ऐसा कैसे संभव हो सकता है।

राज्य की टीम ने भी मारा था छापा

बता दें कि महामाया शक्कर कारखाना, केरता में गड़बड़ियों की लगातार शिकायतों के चलते गन्ना आयुक्त यशवंत कुमार ने भी राज्य स्तर पर एक टीम बनाकर यहां की जांच के लिए भेजा था। बताया जाता है कि यहां मोलसिस में की गई गड़बड़ी पकड़ में आयी है, मगर खबर यह भी है कि राजनैतिक दबाव के चलते यह टीम आधी-अधूरी जांच करके यहां से रवाना हो गई। हालांकि गन्ना आयुक्त यशवंत कुमार ने TRP न्यूज़ से चर्चा में बताया कि वे छुट्टी पर हैं और उन्हें अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है।

बहरहाल खबर लिखे जाने तक महामाया शक्कर कारखाने में Central GST और excise की टीम की कार्रवाई जारी है। उम्मीद की जा रही है कि यहां वर्षों से की जा रही गड़बड़ियों का खुलासा हो सकेगा।

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