नारकोटिक्स सेल ने नशे का कारोबार करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, भारी मात्रा में नशीली दवाओं के साथ 50 लाख की स्पोर्ट्स कार भी जब्त
नारकोटिक्स सेल ने नशे का कारोबार करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, भारी मात्रा में नशीली दवाओं के साथ 50 लाख की स्पोर्ट्स कार भी जब्त

महासमुंद। रायपुर के बाद अब महासमुंद के नारकोटिक्स सेल ने गठन के 24 घंटे के भीतर ही एक ऐसे गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है, जो नशीली दवाओं के कारोबार में लिप्त था। इस गिरोह में एक मेडिकल स्टोर्स का संचालक भी शामिल था, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

लेनदेन के दौरान पकडे गए युवक

महासमुंद जिले की नारकोटिक्स टीम को सूचना मिली थी कि दो युवक नशीली दवाएं बेचने के फ़िराक में हैं। फ़ौरन एक टीम घेरेबंदी के लिए निकल पड़ी। मुखबिर के बताए अनुसार नारकोटिक्स सेल एवं कोतवाली की टीम ने तुमगांव रोड पर नजर रखनी शुरु की। इसी दौरानअलग-अलग बाइक पर सवार दो युवक यहाँ पहुंचे। तभी एक स्पोर्ट्स कार भी आकर रुकी जिसमे सवार शख्स से ये युवक बात करने लगे, इस दौरान यहां सादे ड्रेस में घूम रहे जवानों ने वहां पहुंचकर पूछताछ की, तब तीनों युवकों ने मौके से भागने लगे। मगर चौकस जवानों ने इन्हें दौड़ाकर धर दबोचा। जवानों ने इनके पास से काफी मात्रा में प्रतिबंधित सीरप और नशीली दवाओं का टेबलेट बरामद किया।

खुद को डॉक्टर बताता था मेडिकल स्टोर संचालक

पकड़े गए युवकों के नाम अर्जुन प्रसाद साहू और लोकेश कुमार साहू है, जिन्होंने पूछताछ में बताया कि कार में जो युवक आया है, वह मेडिकल स्टोर का संचालक है और खुद को डॉक्टर बताता है। उसने इन युवकों को प्रतिबंधित सीरप और टेबलेट देने के लिए बुलाया था। पूछताछ में तीसरे युवक ने अपना नाम हितेश चंद्राकर बताया, जो बागबाहरा में सुदामा मेडिकल स्टोर का संचालन करता है। पुलिस ने उसकी कार से 555 नग कफ सीरप और प्रतिबंधित टेबलेट जब्त किया।

दवाओं के साथ स्पोर्ट्स कार और बाइक की जब्ती

हितेश चंद्राकर जिस कार में आया था, वह इको स्पोर्ट फोर्ड कार है, जिसकी कीमत पुलिस ने 50 लाख बताई है। इसके अलावा दो बाइक और 6 लाख 70 हजार रूपये की नशीली दवाएं जब्त की गई। गौरतलब है कि रायपुर आईजी आनंद छाबड़ा के निर्देश पर रेंज के सभी जिलों में नारकोटिक्स सेल का गठन किया गया है। नशे के कारोबार में लिप्त लोकल नेटवर्क और उन्हें सप्लाई करने वालों को दबोचने के लिए सभी जिलों में सेल द्वारा मुखबिरों का जाल फैला दिया गया है। यही वजह है कि गठन के साथ ही गांजे के अलावा अन्य नशे का कारोबार करने वालों की धरपकड़ शुरू हो गई है।