TRP डेस्क : यूक्रेन और रूस के हमले से पूरी दुनिया में अफरा- तफरी मची हुई है। इससे कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर सीधा असर पड़ने वाला है। इससे भारत भी अछुता नहीं रहेगा। इसका असर गुजरात के मोरबी शहर में स्थित टाइल्स उद्योग पर भी पड़ सकता है। क्योंकि मोरबी में बनने वाले ज्यादातर चमचमाते टाइल्स में यूक्रेन में पाए जाने वाली चमकीली मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है। अब यूक्रेन पर हुए हमले के बाद इस मिट्टी को भारत में आयात करने के रास्ते बंद होते दिख रहे हैं। जिसके बाद इसके उत्पादन में कमी के साथ साथ कीमतों में वृद्धि की संभावनाएँ प्रबल होती जा रही हैं। इसका सीधा असर देश में घर बनवाने का सपना देख रहे लोगों की जेबों पर पड़ सकता है। अब उन्हें इस चमकदार टाइल्स के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।

ये है यूक्रेन की मिट्टी की खासियत

यूक्रेन की मिट्टी की खासियत यह है कि इसमे सफेद रंग की चमक होती है। जैसे ही यह सुखती है तो यह और भी ज्यादा चमकदार हो जाती है। इटली के मार्बल में जो पार्टिकल्स पाए जाते हैं, वही यूक्रेन की मिट्टी में भी होते हैं। यूक्रेन की जमीन से गीली और चमकदार मिट्टी निकलती है, जो टाइल्स के निर्माण में बहुत कारगर साबित होती है। इसी वजह से मोरबी के बिजनेसमैन आपने टाइल्स के उत्पादन के लिए भारी मात्रा में यूक्रेन की मिट्टी खरीदते हैं।

दुनिया भर में बढ़ी इसकी डिमांड

मोरबी सिरामिक एसोसिएशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार “अगर दो दशक पहले की बात करें तो मोरबी के सिरेमिक उद्योग में यूक्रेनी मिट्टी का सबसे अधिक उपयोग किया जाता था। मोरबी में इसकी इतनी डिमांड होती थी कि यूक्रेन से कंटेनर्स से ही नहीं, बल्कि स्टीमर भर-भरकर मिट्टी मोरबी पहुंचती थी। उस समय यूक्रेन की मिट्टी में अन्य मिट्टी मिलाकर टाइल्स बनाए जाते थे। धीरे-धीरे यूक्रेन की मिट्टी की डिमांड दुनिया भर में होने लगी तो इसकी कीमत में भी इजाफा होता गया। इस पर भी बड़े-बड़े व्यापारियों का एकाधिकार होने लगा तो मोरबी के छोटे व्यापारियों ने इसका उपयोग करना बंद कर दिया। अब कुछ बड़ी कंपनियां ही यूक्रेन से मिट्टी इंपोर्ट करती हैं।”

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर