राजिम : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजिम निर्मित लक्ष्मणझूला (सस्पेंशन ब्रिज) का लोकार्पण किया। त्रिवेणी संगम के समीप बने इस झूले से राजिम के राजीव लोचन मंदिर से कुलेश्वर महादेव मंदिर और लोमश ऋषि आश्रम आपस में जुड़ जाएंगे। धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध राजिम के लिए लक्ष्मणझूला एक बड़ी सौगात है। हालाँकि इस ब्रिज के लिए नगरवासियों और श्रद्धालुओं को 6 साल का इंतेजार करना पड़ा। इस ब्रिज के निर्माण की घोषणा 2015 में भाजपा के शासन काल में हुई थी। जिसके बाद निर्माण कार्य भी शुरु किया गया। पर सरकार बदलते ही काम जैसे रुक ही गया। उसके बाद जैसे तैसे आधा बचा काम 2.5 सालों में पूरा हो सका। लोगों को लगा कि अब सपना पूरा होगा। लेकिन लोकार्पण में ही 6 माह लग गए। अब अंततः राजिम पुन्नी मेला के समापन पर सीएम ने इसका लोकार्पण कर दिया है।

लाइट से जगमगाएगा लक्ष्मण झूला

3.25 मीटर चौड़ा और 610 मीटर लम्बे ब्रिज में आधुनिक एवं सुसज्जित प्रकाश व्यवस्था है। यह ब्रिज शाम के समय में लाइट से जगमग रहेगा। जिससे न केवल रात को भी पर्यटकों का आवागमन सुगमता से हो सकेगा बल्कि राजिम संगम स्थल पर निर्मित यह सस्पेंशन ब्रिज इतना आकर्षक और सुंदर लगेगा कि राज्य के बाहर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। जिससे इस पौराणिक स्थल का ख्याति दूर-दूर तक फैलेगी एवं लगातार पर्यटकों की वृद्धि होगी। उल्लेखनीय है कि पर्यटकों को राजीव लोचन मंदिर से कुलेश्वर महादेव मंदिर या लोमष ऋषि आश्रम से कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल मार्ग से ही नदी पार करके जाना पड़ता था, जो बरसात के दिनों में अत्यंत जोखिमभरा था। अब इस पुल के बन जाने से यह यात्रा और सरल हो जाएगी।

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