कोरबा के RTI कार्यकर्त्ता ने पुलिस-प्रशासन से खुद को बताया खतरा, कहा - अवैध कारोबार को किया उजागर तो पड़ गए हैं मेरे पीछे
कोरबा के RTI कार्यकर्त्ता ने पुलिस-प्रशासन से खुद को बताया खतरा, कहा - अवैध कारोबार को किया उजागर तो पड़ गए हैं मेरे पीछे

रायपुर। कोरबा में कोयले और कबाड़ की तस्करी का काम धड़ल्ले से चल रहा है, और इस मामले को अकसर उजागर करने वाले RTI कार्यकर्त्ता मनीष राठौर को लगातार धमकियां मिल रही हैं। मनीष ने अब मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखकर पुलिस-प्रशासन और कोल माफिया से खुद को खतरा बताया है। मनीष ने रायपुर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर कथित कोल माफिया से बातचीत की स्टिंग का वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सबूत के तौर पर पेश किया।

प्रेस वार्ता में मनीष राठौर ने बताया कि वह विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रेस एवं सोशल मिडिया के माध्यम से प्रशासन तक अपनी बात पहुंचते रहे हैं। इस दौरान उनके द्वारा जिले में चल रही कोयले की तस्करी, अवैध कबाड़ और डीजल के कारोबार का मुद्दा उठाया, तो उलटे उसे ही धमकियां मिलनी शुरू हो गईं। मनीष ने आरोप लगाया कि कथित कोल माफिया अंशु पलेरिया और उसके साथी सुदामा कलवानी को पुलिस अधीक्षक के गनमेन राघवेंद्र सिंह तोमर, आठवीं बटालियन, राजनांदगांव का संरक्षण मिला हुआ है, और इन सभी ने मिलकर 2 – 3
फ़रवरी की रात उसकी महिंद्रा थार जीप को षड्यंत्रपूर्वक जला दिया । इस मामले में अंशु पलेरिया और उसके साथियों की गिरफ़्तारी भी हुई थी।

लगातार मिल रही हैं धमकियां

अपने साथ कथित तौर पर हो रही ज्यादतियों के बारे में जानकारी देते हुए मनीष राठौर ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कोरबा के गनमेन राघवेंद्र सिंह तोमर द्वारा उसकी जीप को जलाने की घटना से 2 -3 दिन पूर्व उसे फोन करके कोयले और कबाड़ की शिकायत नहीं करने की चेतावनी भी दी गई। इधर अंशु पलेरिया और सुदामा कलवानी उसे फोन पर लगातार धमकाते रहे कि वह गनमेन राघवेंद्र सिंह तोमर का नाम उजागर न करे। मनीष ने अंशु पलेरिया द्वारा की गई बातचीत का भी स्टिंग किया है, जिसमे अंशु उसे कोयले के अवैध कारोबार की सेटिंग का खुलासा कर रहा है, अंशु बताता है कि उसकी पुलिस अधिकारी से किस प्रशासनिक अधिकारी ने कितने में डील करवाई।
आपको बता दें कि फरवरी के महीने में मनीष राठौर के घर के सामने खड़ी जीप को आग लगा दिए जाने के मामले में गिरफ्तार अंशु पलेरिया ने मिडिया के समक्ष उलटे मनीष पर यह आरोप मढ़ दिया कि वह उससे लगातार पैसे की मांग कर रहा था, जिससे क्षुब्ध होकर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर मनीष की जीप में आग लगा दिया।

मनीष ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और राजयपाल से करते हुए बताया है कि इस तरह की घटना से उसका परिवार भयभीत है। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए राजधानी से एक विशेष टीम भेजकर मामले की जांच कराइ जाये, और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये।

कलेक्टर ने अवैध कोयले पर रोक के दिए आदेश

कोरबा में अवैध कोयले के बड़े पैमाने पर हो कारोबार की शिकायतों को देखते हुए दो दिन पूर्व ही कलेक्टर रानू साहू ने SECL और CISF के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इस मौके पर SP भोजराम पटेल भी मौजूद थे। इस दौरान कलेक्टर ने CISF को स्पष्ट निर्देश दिया कि खदान से कोयले की अवैध निकासी पर रोकने के लिए वह अपने जवानो को सभी पॉइंट पर तैनात करे, कोयले की चोरी रोकना CISF की जिम्मेदारी है।

इधर मनीष राठौर के पीसी के कुछ ही घंटे बाद कोरबा की पुलिस ने कथित कोल माफिया के नकटीखार स्थित गोदाम में छापा मारा। पुलिस द्वारा जारी प्रेसनोट में बताया इस गोदाम से लगभग 40 तन अवैध कोयला जब्त किया गया। बता दें कि कलेक्टर की इस बैठक के एक दिन पहले ही SECL के खदान क्षेत्र से अवैध तरीके से निकाले गए 100 टन से भी अधिक कोयला जब्त किया गया था।समय-समय पर इस तरह की कार्रवाई की खानापूर्ति भी की जाती है मगर खदान से अवैध कोयले की निकासी को पूरी तरह बंद करने का कोई ठोस प्रयास अब तक नहीं किया गया है।

मनीष द्वारा सीएम को लिखा गया पत्र :

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