रायपुर : छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के सदस्यों ने घुटनों के बल चलकर विधानसभा का घेराव करने की घोषणा की है। संगठन अपने सदस्यों के हित में 5 सूत्रीय मांगों को लेकर विगत वर्षों से निरंतर संघर्षरत है। बता दें छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों का संगठन है। इसमें संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर, ठेका आदि कर्मचारी शामिल हैं।

महासंघ का कहना है कि प्रदेश सरकार ने सरकार बनने के बाद 10 दिवस के अंदर प्राथमिकता से हमारी मांगों को पूरा करने का वादा किया था लेकिन अब तक मांगे पूरी नहीं हुई हैं। सरकार के तीन वर्ष से अधिक समय बीच जाने के बाद भी अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने हेतु सरकार किसी प्रकार का पहल नहीं कर रही है। इसके विपरीत नई भर्ती एवं अनियमित कर्मचारियों की निरंतर छटनी की जा रही है। मांगो को लेकर इससे पहले महासंघ प्रदर्शन कर चुका है। छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ प्रदेश में फिर से एक बड़ा आंदोलन करने जा रहा है। इस प्रदर्शन में संघ के सदस्य घुटनों के बल चलकर विधानसभा घेरने की तैयारी में है। आने वाली 8 तारीख को बड़े पैमाने पर महासंघ राजधानी के धरनास्थल से विधानसभा के लिए कूच करेंगे।

ये हैं 5 सूत्रीय मांगें

  • समस्त अनियमित कर्मचारी अधिकारीयों को नियमित किया जावे तथा नियमितीकरण तक 62 वर्ष की आयु तक नौकरी की सुरक्षा प्रदान करते हुए आवश्यकता होने पर सिविल सेवा नियम 1965 के तहत निलंबन करने का प्रावधान हो।
  • विगत 4-5 वर्षों से निकाले गए छटनी किये गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल कर छटनी पर रोक लगाया जावे।
  • शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग को पुर्णतः समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जाए।
  • अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जाए।
  • 15 अनियमित कर्मचारियों पर गोल बाजार (एफ आई आर संख्या- 156 / वर्ष 2018) एवँ आजाद चौक थाना (एफ आई आर संख्या – 259 / वर्ष 2018) रायपुर में पंजीबद्ध केस पर न्यायालय में चल रही मुकदमें को वापस लिया जाए।

त्वरित माँगें

  • नियमितीकरण की कार्यवाही हेतु तत्काल नीति निर्देश जारी किया जाए।
  • कर्मचारियों का विगत 03-04 माह का वेतन अप्राप्त, वेतन दिया जाए।
  • निरन्तर विभागों द्वारा वित्त एवं आवश्यकता तथा अन्य कारणों का हवाला देते हुए सेवा से पृथक करने की कार्यवाही बंद किया जाए।
  • नई भर्ती पर रोक लगाया जाए।
  • विगत तीन वर्षों से अनियमित (संविदा) कर्मचारियों का किसी भी प्रकार से वेतन वृद्धि नही, वेतन वृद्धि किया जाए।

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