TRP डेस्क : ऐसा माना जाता है कि भारत में पहली बार दिल्ली के सेंटर फॉर डेवलपिंग सोसाइटीज ने 1960 के दशक में एक अकादमिक अभ्यास के रूप में पहला एक्जिट पोल विकसित किया था। चुनाव एग्जिट पोल एक ऐसा सर्वेक्षण है जो इस पर आधारित होता है कि मतदाता वोट डालने के बाद मतदान केंद्रों से बाहर निकलते समय क्या कहते हैं। देश के 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में चुनाव का अंतिम चरण 7 मार्च को समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद आशा की जा सकती है कि 7 मार्च शाम तक एग्जिट पोल आने शुरू हो जाएंगे। कई कंपनियां अपने एग्जिट पोल आज शाम तक सामने रखेंगी।

यहाँ देखें एग्जिट पोल

Assembly Election 2022 के Exit Polls आज शाम 7 बजे तक आ जाएंगे। सबसे पहले और सटीक पोल देखने के लिए आप TRP की वेबसाइट theruralpress.in पर बने रहें। साथ ही ये नतीजे आप TRP के सोशल मीडिया हैंडल्स पर फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप पर भी देख सकते हैं। किसी भी साइट पर जाने के लिए उसके नाम पर क्लिक करें।

एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल में अंतर

एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल सुनने में एक जैसे लगते हैं, पर इन दोनों में काफी अंतर होता है। एग्जिट पोल सर्वेक्षण में मतदाताओं द्वारा मतदान केंद्र से बाहर निकलने के बाद पूछा जाता है कि उन्होंने किसे वोट दिया है। जबकि जनमत सर्वेक्षण या ओपिनियन पोल आम तौर पर चुनाव से पहले आयोजित किए जाते हैं और मतदाताओं से उनकी राय मांगी जाती है, परिस्थिति से संबंधित सवाल होते हैं और यह पूछा जाता है कि चुनाव जीतने की संभावना किसकी है।

एक चुटकी ज्यादा नमक के साथ आते हैं परिणाम

जानकारों के मुताबिक एग्जिट पोल के आंकड़ों में चुटकी भर नमक के समान अतिश्योक्ति होती है। इन सर्वेक्षणों को न तो पूर्णतः स्वीकार किया जा सकता है न ही अस्वीकार। हालांकि इसकी अवधारणा विज्ञान पर आधारित है, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे को नियंत्रित करने वाले कई कारक हैं। हो सकता है कि कोई मतदाता सही ढंग से न बताए कि उसने किस पार्टी को वोट दिया है। तो इस कारण इसमें त्रुटि की संभावना भी रहती है।

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