रायपुर : आज महिलाओं का सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान है। महिलाएं किसी भी देश और राज्य के विकास का मुख्य आधार होती हैं। वे परिवार, समाज और देश की तरक्की में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आज की महिलाएं हर क्षेत्र में खुद को साबित कर रही हैं और पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं। लगभग सभी क्षेत्रों में महिलाये लगतार उन्नति की ओर कदम बढ़ा रही हैं। जहाँ समाज उनका साथ नहीँ देता वहाँ वे खुद ही सक्षमता के लिए प्रयासरत हो जाती हैं। एक ऐसा ही प्रयास प्रदेश की मधुलिका रामटेके ने भी किया था। जिसके परिणाम ऐसे आए कि 8 मार्च को विश्व महिला दिवस के दिन उन्हें स्वयं देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति अवॉर्ड से सम्मानित किया था।

दरअसल राजनांदगांव की सामाजिक कार्यकर्ता मधुलिका रामटेके ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के प्रयास के अंतर्गत महिलाओं के हित में ‘माँ बम्लेश्वरी बैंक’ की शुरुआत की। धीरे धीरे यह बैंक फलिभूत होने लगा और सैकड़ों हजारों की संख्या में महिलाएं इससे लाभान्वित होने लगीं। देखते ही देखते ‘माँ बम्लेश्वरी बैंक’ की 5,372 शाखाएँ हो गईं। ये पूरा बैंक संगठन पूरी तरह से महिलाओं द्वारा प्रबंधित और नियंत्रित है और इससे अनेकों महिलाएं अब तक लाभान्वित हो चुकी हैं, और हजारों आगे भी होंगी। मधुलिका रामटेके के इन प्रयासों के कारण राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें ‘नारी शक्ति सम्मान’ से सम्मानित किया।

क्या है नारी शक्ति सम्मान ?

नारी शक्ति सम्मान हर वर्ष महिलाओं को उनके उत्कृष्ट और असाधारण कार्यों के लिए प्रदान किए जाते हैं। कुल 28 पुरस्कार (वर्ष 2020 के लिए 14 और 2021 के लिए 14) 29 महिलाओं को दिए किए गए। यह पुरस्कार विशेष रूप से कमजोर महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में किए गए असाधारण कार्यों को मान्यता देने की दृष्टि से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से प्रदान किए जाते हैं।

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