इन दो नेता पुत्रों ने एक साथ शुरू की राजनीतिक पारी, एक है अर्श पर तो दूजे को अब भी है जमीं की तलाश

टीआरपी डेस्क। भाजपा के दिग्गज नेता राजनाथ सिंह और कांग्रेस के पीएल पुनिया को किसी पहचान की आवश्यकता नहीं है। दोनों ही नेताओं की जड़ें आज राजनीति में बहुत गहरी हो चली हैं। मगर क्या आप जानते हैं हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इन दोनों ही नेताओं की साख दाव पर लगी थी। हम बात कर रहे हैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह और छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी और राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया के पुत्र तनुज पुनिया के बारे में।

इन दोनों ही नेता पुत्रों ने एक साथ 2017 में राजनीति अपनी राजनीतिक पारी शुरू की। जिनमें से पंकज सिंह आज अर्श पर पहुंच चुके हैं वहीं तनुज पुनिया आज भी जमीन पर संघर्ष करते नजर आ रहे हैं।

रिकॉर्ड वोटों से जीत की हासिल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे और भाजपा के प्रदेश उपाध्‍यक्ष पंकज सिंह ने नोएडा सीट पर 2,44,319 मत मिले। पंकज सिंह ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुनील चौधरी को हराकर 1,81,513 मतों के अंतर बंपर जीत हासिल की है। वहीं नोएडा सीट से बसपा से कृपाराम शर्मा चुनावी मैदान में थे, जबकि कांग्रेस की तरफ से पंखुड़ी पाठक उम्मीदवार थीं। 

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बता दें कि पंकज सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री ली और फिर 1999-2001 में नोएडा स्थित अमिटी बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह भाजपा में एक्टिव हुए। साल 2004 में वह भाजपा युवा मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। पार्टी में विभिन्न पदों की जिम्मेदारी निभाते हुए साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पंकज सिंह पहली बार नोएडा से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की।

कांग्रेस ने जताया 4 बार भरोसा, मगर नहीं खुल सका खाता

आईआईटी रूढ़की से इंजीनियरिंग कर कॉरपोरेट जगत में नौकरी करने के बाद बाराबंकी लोकसभा सीट से राजनीति की पिच पर उतरने वाले तनुज पुनिया कांग्रेस महासचिव और पूर्व आईएएस अधिकारी पीएल पुनिया के बेटे हैं और कांग्रेस की युवा ब्रिगेड का महत्वपूर्ण चेहरा थे। जिन्हें पार्टी ने जैदपुर सीट से तीसरी बार टिकट दिया था। मगर तनुज पुनिया को महज 28,610 वोट से संतोष करना पड़ा।

कांग्रेस के तनुज पुनिया ने 2017 में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। पार्टी ने उनपर भरोसा जताते हुए 4 बार टिकट दिया। पहली बार 2017 में, 2019 में उपचुनाव एवं 2022 में भी जैदपुर विधानसभा के लिए ही टिकट दिया गया। इसके अलावा 2019 में बाराबांकी लोकसभा सीट के लिए भी मौका दिया गया था। मगर उनका खाता अबतक नहीं खुल पाया है।

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