महापौर को बनाया बंधक, कचरे के दुर्गन्ध से परेशान लोगों ने आश्वासन पर डेढ़ घंटे बाद खोला डंप यार्ड का ताला
महापौर को बनाया बंधक, कचरे के दुर्गन्ध से परेशान लोगों ने आश्वासन पर डेढ़ घंटे बाद खोला डंप यार्ड का ताला

कोरबा। कचरे से उठने वाले दुर्गन्ध से सालों से परेशान वार्ड के लोगों ने पहले तो डम्प यार्ड में ताला जड़ दिया, मगर बाद में जब यहां लोगों से चर्चा के लिए महापौर पहुंचे तब उन्हें यार्ड के अंदर ले जाकर लोगो ने गेट पर ताला जड़ दिया। यहां लोग इस बात पर अड़ गए कि जब तक यार्ड के कचरे को खाली करने की समय सीमा तय नहीं हो जाती, वे महापौर को जाने नहीं देंगे।

मणिकंचन केंद्र के नाम पर लगाया कचरे का ढेर

दरअसल राज्य के नगरीय निकायों में जगह-जगह ऐसे स्थान तय किये गए, जहां कचरे से काम की चीजों को अलग कर उन्हें पुनः इस्तेमाल के लिए तैयार करने का काम शुरू किया गया। इन स्थलों का नाम रखा गया ‘मणिकंचन केंद्र’, और ऐसा ही एक केंद्र नगर पालिक निगम कोरबा के वार्ड क्रमांक 14 के पंद्रह ब्लॉक में कुछ साल पहले शुरू किया गया। मगर यहां सिमित मात्रा में कचरा फेंकने की बजाय पूरे शहर का कचरा ही यहां फेंकना शुरू कर दिया गया, जिसके चलते इलाके में बदबू फैलने लगी। इससे परेशान इलाके के लोग बीते 2 – 3 साल से इस यार्ड को बंद करने की मांग करते आ रहे हैं, मगर अब तक यह समस्या जस की तस भी हुई है।

चुनाव में दिया आश्वासन भी नहीं कर सके पूरा

कोरबा निगम का ये इलाका दरअसल महापौर राजकिशोर प्रसाद के अपने वार्ड के अंतर्गत ही आता है। वार्ड के लोगों का कहना है कि राजकिशोर प्रसाद जब यहां से पार्षद का चुनाव लड़ रहे थे तब उन्होंने आश्वस्त किया था कि अगर वे जीते तो वे यह समस्या दूर कर देंगे। इसके बाद राजकिशोर प्रसाद पार्षद का चुनाव जीते, और फिर वे महापौर भी बने, मगर दो साल बीतने के बाद भी लोगों की यह समस्या दूर नहीं कर सके। इसके चलते इलाके के लोग काफी नाराज थे।

यार्ड में आग लगी तब भड़के लोग

इस तथाकथित मणिकंचन केंद्र में अक्सर आग लगने की घटना घट जाती है।आग भी इतनी बढ़ जाती है कि पूरे इलाके में धुआं फ़ैल जाता है और उसे बुझाने के लिए 4 – 5 दमकलों की मदद लेनी पड़ती है। दो दिन पहले यहां भीषण आग लग गयी। इस घटना से लोग काफी गुस्से में थे। यही वजह थी कि लोगों ने आज सुबह कचरा लेकर पहुंची गाड़ियों को अंदर घुसने नहीं दिया और अंदर जो बोरियों का ढेर था उसे बाहर फेंकने लगे।

महापौर पहुंचे और हुआ कुछ ऐसा

इस दौरान मोहल्ले के लोगों में महापौर राजकिशोर प्रसाद को फोन करके अपने गुस्से का इजहार किया और खुद ही यहां आकर समस्या से अवगत होने का अनुरोध भी किया। कुछ देर बाद महापौर यहां पहुंचे। उनके साथ एल्डरमैन एस मूर्ति भी थे। यहां मौजूद लोग उन्हें यार्ड के अंदर ले गए, इसी दौरान इनके साथ मौजूद युवाओं ने गेट पर ताला जड़ दिया। लोग आर-पार के मूड में थे। इनकी मांग थी कि किसी उच्च अधिकारी को भी यहां पर बुलाया जाये और तय करके बताया जाये कि कब तक यहां का कचरा उठ जायेगा। अगर समय सीमा तय नहीं हुई तो वे ताला नहीं खोलेंगे। महापौर के बुलावे पर पहले सफाई व्यवस्था से जुड़े डॉ संजय तिवारी यहां पहुंचे मगर लोग उनसे बात करने को तैयार नहीं थे।

आयुक्त ने कर दिया बहाना

महापौर ने जब नगर निगम आयुक्त को तलब किया तब उन्होंने बहाना कर दिया कि वे बिलासपुर निकल चुके हैं।उनके कहने पर कार्यपालन अभियंता एमके वर्मा यहां पहुंचे, तब जाकर यह तय किया गया कि कचरे को कल से ही यहां से उठाना शुरू कर दिया जायेगा। इस उधेड़-बुन में लगभग डेढ़ घंटे बीत गए तब जाकर लोगों ने गेट का ताला खोला और यहां से महापौर और अन्य लोग बाहर निकल सके।

लोगों ने बताया कि काफी साल पहले जब यहां महापौर भाजपा के जोगेश लाम्बा थे तब यहां पर गौशाला और कांजी हॉउस के नाम पर भूमिपूजन किया गया, मगर बाद में जब यह तैयार हुआ तब यहां कचरा फेंकना शुरू कर दिया गया, तब से इलाके के लोग इस समस्या से जूझ रहे है, यहाँ उठने वाली बदबू से अक्सर लोग बीमार पड़ जाते हैं। महापौर राजकिशोर प्रसाद ने भी स्वीकार किया कि अपने ही वार्ड की इस समस्या को अब तक के प्रयास के बावजूद वे दूर नहीं करवा सके। आज आयुक्त के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे अधिकारी ने आश्वस्त किया है कि कल से ही यहां से कचरे की शिफ्टिंग का काम शुरू हो जायेगा।

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