नेशनल डेस्क। आज के समय में पैसे के बिना कुछ भी नही होता, देश और दुनिया में हर जगह पर कुछ भी खरीदने के लिए पैसों की जरूरत होती है। इतना ही नही इस दौर में इसे भी कई लोग है जो पैसे नही होने की वजह से भूखे मार जाते है। लेकिन आज हम आपको भारत के एक एसे शहर के बारे में बता रहे है जहां पैसे नही चलते और ना ही कोई सरकार है।

दरसल भारत की ओरोविल सिटी एक ऐसा सिटी है जहां पर नहीं तो पैसा चलता है और ना ही किसी की सरकार चलती है। यानी इस सिटी में किसी का राज नहीं चलता है। ये सुनने में अजीब इसलिए लगेगा क्योंकि भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है। इस देश में हर जाति धर्म के लोग निवास करते हैं। अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं और फिर भी इस शहर में न किसी की सरकार है और ना ही पैसा चलता है।

चेन्नई से लगभग 150 किमी दूरी पर बसा हैं शहर

रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ओरोविल शहर चेन्नई से लगभग 150 किमी दूरी पर बसा हुआ है। इस शहर में सभी धर्म और जाति के लोग बिना भेदभाव के रहते हैं। कहा जाता है कि इस शहर को बसाने के पीछे का मकसद था कि यहां पर लोग ऊंच-नीच, जात-पात, बिना किसी भेदभाव के भाईचारे के साथ रहे। इस शहर में कोई भी आकर रह सकता है। लेकिन उसे ऊंच नीच और सभी भेदभाव को भुलाकर एक सेवक की तरह रहना होगा।

मां मीरा अल्फासा ने बसाया था ये शहर

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस ओरोविल सिटी को मां मीरा अल्फासा ने 28 फरवरी 1968 में ऑरबिंदो सोसाइटी की एक परियोजना के रूप में बसाया था। मां मीरा अल्फासा, ऑरबिंदो की तरह एक सहयोगी आध्यात्मिक सहयोगी थीं। मानव एक परिवर्ती जीव है, ऐसा मानना मीरा का था। इस शहर में कोई भी आकर रह सकता है, इसलिए आकर्षित होकर लोग यहां आकर बसते गए और इसी तरह से इस शहर की जनसंख्या बढ़ती चली गई। जानकारी के अनुसार, इस शहर में दुनिया के लगभग 50 देशों से आकर लोग रहने लगे हैं। इस तरह से यह शहर भारत का अनोखा शहर मना जाता है।

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