मासूमों के अंधे क़त्ल का राज खुला, आम तोड़ने के मामूली विवाद पर 4 बच्चों ने मिलकर की थी हत्या
मासूमों के अंधे क़त्ल का राज खुला, आम तोड़ने के मामूली विवाद पर 4 बच्चों ने मिलकर की थी हत्या

बलौदा बाजार। दो दिन पहले यहां के कसडोल थाना क्षेत्र के ग्राम चकरवाय में 2 मासूम बच्चों की हत्या में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पूर्व में आम तोड़ने को लेकर हुए विवाद के चलते 4 नाबालिगों ने मिलकर इन बच्चों को मार डाला था।

ये था मामला

चकरवाय निवासी उमेंद्र चेलक और जनक राम चेलक ने थाना कसडोल में आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि वे दोनों पडोसी हैं और उनके बच्चे शौर्य उर्फ गोयल चेलक, उम्र 07 वर्ष तथा लवेन्द्र चेलक उम्र 08 वर्ष सुबह घर से कहीं चले गए हैं तथा कहीं नहीं मिल रहे हैं
पुलिस ने बच्चो की खोजबीन शुरू की। इस बीच अगले दिन ग्राम चकरवाय से 02 किलोमीटर दूर खेत-खार में दोनों बच्चों की लाश बरामद हुई।
मामले की सूचना मिलने पर तत्काल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा घटनास्थल पर पहुंचे, सांथ ही पूरे बलौदाबाजार जिले से अलग-अलग थाना प्रभारियों को अपनी टीम के साथ तत्काल घटनास्थल पहुंचने निर्देशित किया गया। प्रकरण मे FSL टीम एवं डाग स्क्वायड की टीम द्वारा घटनास्थल का सूक्ष्मतापूर्वक निरीक्षण किया गया।

शरीर पर मिले चोट के निशान

मृत बच्चों के शरीर में चोट के कई निशान पाए गए थे। जिससे प्रथम दृष्टया लाठी डंडे से पीटकर एवं चोट पहुंचाते हुये दोनों बच्चों की हत्या करना प्रदर्शित हो रहा था। प्रकरण में दोनों बच्चों की निर्मम हत्या करने वाले अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना कार्यवाही प्रारंभ की गई।

एसपी ने किया 10 टीमों का गठन

गांव मे एक साथ दो बच्चों के हत्या होने जैसी गंभीर घटना को दृष्टिगत रखते हुए तथा इस अंधे दोहरे हत्याकांड मे तत्काल आरोपियों की धरपकड़ हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीताम्बर पटेल के नेतृत्व में पुलिस की कुल 10 टीम का गठन किया गया।

मामले का इस तरह हुआ खुलासा

पुलिस की अलग-अलग टीमें गांव में ही कैम्प कर घटनास्थल एवं आसपास के इलाकों का गहन मुआयना कर रही थी, तो पुलिस की दूसरी टीम मृत बच्चों के परिवार वालों, रिश्तेदारों, बच्चों के मित्रों एवं अन्य व्यक्तियों से लगातार पूछताछ कर रही थी।

इसी दौरान पता चला कि दोनों मृतक बालकों को अंतिम बार दोपहर में गांव से निकलते देखा गया था, तथा इसी समय गांव के ही अन्य बालकों के भी नदी में नहाने जाने की जानकारी मिली थी, जिसमे शामिल 02 बालकों का दोनों मृत बालको से आम तोड़ने की बात पर से वाद-विवाद हुआ था। इन बालकों से लगातार मनोवैज्ञानिक रूप से पूछताछ करने पर इन्होंने दोनों बच्चों की हत्या करना कबूल किया तथा प्रकरण में शामिल अपने अन्य 02 अपचारी आरोपी बालकों एवं घटना के संबंध में भी पूरी बात बताई।

ये है हत्याकांड की मुख्य वजह

मामले में मृतक एवं आरोपी बच्चों के बीच पूर्व में आम तोड़ने की बात पर वाद विवाद हुआ था। घटना के दिन दोनों मृतक बच्चे नदी में नहा कर वापस घर आ रहे थे, इसी बीच उनका सामना आरोपी बच्चों से हो गया। इस दौरान आरोपी अपचारी बालकों ने पूर्व में हुए वाद विवाद की बात को लेकर मृतक बच्चों के साथ मारपीट करना प्रारंभ कर दिया।मारपीट से बचने के लिए दोनों मृतक बच्चे खेत की तरफ भागने लगे। आरोपी बालक भी मृतक बच्चों को पकड़ने के लिए इनके पीछे भागने लगे। ग्राम से कुछ दूर जाने के पश्चात इन चारों बालकों द्वारा दोनों बच्चों को घटनास्थल के पास घेरकर पकड़ा गया।

इसके बाद चारों अपचारी बालकों ने गुस्से में आकर पास में ही रखे लाठी से दोनों बच्चों को मारना प्रारंभ कर दिया, जिससे घटनास्थल पर ही दोनों बच्चों शौर्य एवं लवेन्द्र की मृत्यु हो गई। आरोपी अपचारी बालकों से 02 नग लाठी बरामद किया गया है। आरोपियों में दो बच्चों की उम्र 14 वर्ष, तीसरे की 12 तथा चौथे की 11 वर्ष है। चूंकि ये नाबालिग हैं, इसलिए इनके मामले की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में होगी।

इस दोहरे हत्याकांड का पर्दाफाश करने में उल्लेखित थाना एवं चौकी प्रभारियों के नेतृत्व में प्रधान आरक्षक नवीन कुर्रे, जगदीश राठौर, धनंजय यादव, परमानंद रथ, संजय सोनी, आरक्षक मृत्युंजय महिलांगे, सुजीत तंबोली, रामलाल कैवर्त, राजेंद्र साहू, अमीर राय, सूरज पाटले, मनोज ब्रम्हे सहित रायपुर क्राइम ब्रांच का भी सराहनीय योगदान रहा।

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