सुप्रीम कोर्ट

टीआरपी डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कोविड-19 के कारण मौतों के बाद संबंधितों के परिजनों द्वारा मुआवजे के लिए किए गए फर्जी दावों की जांच का आदेश दिया है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि केंद्र 4 राज्यों में 5 फीसदी दावों का सत्यापन कर सकता है।

इन 4 राज्यों में दावों की संख्या और दर्ज की गई मौतों की संख्या में भारी अंतर है। ये चार राज्य हैं-आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और केरल। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 50-50 हजार रुपये की सहायता के लिए दावा करने के लिए 60 दिन का समय तय किया है। दावा 22 मार्च 2022 तक किया जा सकता है।

केंद्र को मिली इजाजत

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोरोना से मौत का मुआवजा पाने के लिए झूठे दावे दाखिल किए जाने के आरोपों की जांच की इजाजत दे दी है। इसके तहत आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और केरल में दाखिल हुए 5% दावों की समीक्षा की जाएगी।

60 दिन में करें दावा

वहीं, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 28 मार्च तक कोरोना से होने वाली मौत के मुआवजे का दावा करने की समय सीमा 60 दिन तय की है। भविष्य में होने वाली मौत का मुआवजा पाने के लिए दावा भी 90 दिन के भीतर ही करना होगा।

4 राज्यों में होगी जांच

सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के बाद केंद्र सरकार 4 राज्यों में 5% मुआवजे के दावों का सत्यापन कर सकती है। इन दावों की संख्या और दर्ज की गई मौतों के बीच काफी अंतर है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कोरोना के मुआवजा के लिए झूठे दावे दाखिल किए जाने की जांच की इजाजत दे दी है।

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