Coronavirus Updates : देश में 24 घंटे में 2745 नए केस दर्ज, 18 हजार के पार हुए एक्टिव मरीज
Coronavirus Updates : देश में 24 घंटे में 2745 नए केस दर्ज, 18 हजार के पार हुए एक्टिव मरीज

नेशनल डेस्क। देशभर में अब भी कोरोना वायरस का कहर जारी है। देश में आज से ठीक दो साल पहले पहली बार लॉकडाउन लगाया गया था। कोरोना वायरस से बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में लॉकडाउन लगाने का ऐलान करते हुए कहां कि 24 मार्च की आधी रात से देश में 21 दिन का पूर्ण लॉकडाउन लगाया जाएगा। पहली बार जब लॉकडाउन का ऐलान किया गया तो ऐसा लगा कि शायद 21 दिनों में देश कोरोना पर विजय हासिल कर लेगा और जीवन फिर से सामान्य हो जाएगा।

लेकिन अब भी कोरोना पूरी तरह से देश से गया नहीं है। महामारी को दो साल पूरे हो गए हैं, फिर भी पहले की तरह सब सामान्य नहीं हो पाया है। इस महामारी ने कितने ही लोगों की जान ले ली, न जाने कितने बच्चे अनाथ हो गए और न जाने कितने लोग सड़क पर आ गए।

कोरोना की तीन लहरों ने कैसे मचाई तबाही?

कोरोना की तीन लहरों ने भारत में भी लाखों लोगों की जान ले ली। दूसरी लहर सबसे ज्यादा जानलेवा साबित हुई जब कोरोना का डेल्टा वेरिएंट देश को चपेट में ले रहा था। अस्पतालों के बाहर तड़पते मरीज, ऑक्सीजन के लिए मारामारी, प्रशासन की लाचारी, श्मशान में जलती चिताएं और लाशों से पटे घाट, महामारी की भयावहता की गवाही दे रहे थे। यह समय था जब बड़े से बड़ा आदमी लाचार था और सरकार में बैठे लोग भी घुटने टेक चुके थे।

पहली लहर की शुरुआत 3 मार्च 2020 से हुई थी और 16 सितंबर 2020 को पीक पर पहुंची थी। यानी इस लहर को पीक प र पहुंचने में करीब 200 दिन का समय लग गया। इसी लहर में सबसे ज्यादा पलायन हुआ। इस लहर में दूसरी लहर के मुकाबले मौतें कम हुईं लेकिन लोगों के सामने रोजगार का बड़ा संकट खड़ा हो गया। न जाने कितने ही लोग परिवार के साथ बोरिया बिस्तर समेटकर पैदल ही सड़कों पर निकल पड़े।

सबसे ज्यादा जानलेवा साबित हुई कोरोना की दूसरी लहर

इसके बाद अप्रैल और मई 2021 में दूसरी लहर ने पूरे देश को हिला दिया। दूसरी लहर सबसे ज्यादा जानलेवा साबित हुई जब कोरोना का डेल्टा वेरिएंट देश को चपेट में ले रहा था। अस्पतालों के बाहर तड़पते मरीज, ऑक्सीजन के लिए मारामारी, प्रशासन की लाचारी, श्मशान में जलती चिताएं और लाशों से पटे घाट, महामारी की भयावहता की गवाही दे रहे थे।

इस दौरान प्रतिबंध लगाए गए लेकिन कुछ छूट भी दी गईं जिससे आर्थिक गतिविधियां चलती रहें। इसका पीक अगस्त में ही आ गया। हालांकि इस लहर में संक्रमण दर सबसे ज्यादा थी और सबसे ज्यादा मौतें भी दूसरी लहर में ही हुई। पहली लहर जहां शहरों में ही तबाही मचा रही थी वहीं दूसरी लहर में गांवों में भी बड़ी संख्या में लोगों ने जान गंवा दी।

ओमिक्रोन बना तीसरी लहर की वजह

साल 2021 के आखिरी में एक नया वेरिएंट ओमिक्रोन तीसरी लहर की वजह बना। हालांकि इस लहर में रिकवरी रेट ज्यादा थी और लोगों की मौतें ही कम हो रही थीं। बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लग गई थीं और इसलिए अस्पातल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या बेहद कम थी। तीसरी लहर ने यह बता दिया कि अब लोग कोरोना वायरस के साथ भी जीने को तैयार हो गए हैं।

31 मार्च से खत्म हो जाएंगी महामारी के चलते लगी पाबंदियां!

केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि 31 मार्च के बाद कोरोना से सुरक्षा के उपायों के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट नहीं लागू किया जाएगा। हालांकि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना जरूरी होगा।

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