सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे दिग्विजय सिंह, लिखा- ' हम महात्मा गांधी जी के अनुयायी हैं, हमारा संघर्ष संघ और भाजपा विचारधारा से है, जो सतत चलता रहेगा'
सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे दिग्विजय सिंह, लिखा- ' हम महात्मा गांधी जी के अनुयायी हैं, हमारा संघर्ष संघ और भाजपा विचारधारा से है, जो सतत चलता रहेगा'

भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर की विशेष अदालत द्वारा लगभग एक दशक पुराने मामले में एक वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वे इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के जरिए कहा है कि इंदौर के एडीजे कोर्ट का आदेश है। उच्च न्यायालय में अपील करूंगा। वे ‘भाजपा और संघ’ से कभी डरे नहीं हैं और न ही डरेंगे। भले ही कितने ही असत्य प्रकरण बना दिए जाएं और कितनी ही सजा दे दी जाएं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि 11 वर्ष पुराने प्रकरण में, जिसमें उनका नाम प्राथमिकी में भी नहीं था, राजनीतिक दबाव के चलते जोड़ा गया और उन्हें सजा दी गयी। वे अहिंसावादी व्यक्ति हैं और हिंसक गतिविधियों का सदैव विरोध करते रहेंगे।

दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि यह उज्जैन की घटना भी उसी दिन की है जिस दिन की घटना पर उन्हें सजा दी गई है। इस घटना काे उज्जैन पुलिस ने क्यों संज्ञान में नहीं लिया। जबकि पुलिस के लोगों को चोट आयी थी। उन्होंने लिखा है, ‘खैर हम महात्मा गांधी जी के अनुयायी हैं, हमारा संघर्ष संघ और भाजपा विचारधारा से है, जो सतत चलता रहेगा।’

बता दें कि इंदौर की एक विशेष अदालत ने उज्जैन में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट से जुड़े आपराधिक प्रकरण में दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू समेत 6 आरोपियों को एक एक वर्ष की सजा और पांच पांच हजार रुपए का अर्थदंड सुनाया है।

तीन आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया। अदालत ने दोषियों को उपयुक्त मुचलके के आधार पर जमानत भी दे दी है। अभियोजन के अनुसार वर्ष 2011 में उज्जैन में एक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू और अन्य लोगों का विवाद भाजपा कार्यकर्ताओं से हो गया था।

इस मामले में भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से दिग्विजय प्रेमचंद गुड्डू समेत 9 लोगाें के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था। जनप्रतिनिधियों से संबंधित मामलों की सुनवायी के लिए गठित इंदौर की विशेष अदालत ने शनिवार इस मामले में सजा सुनाई है।