जशपुर। रिटायर्ड अधिकारी, कर्मचारियों से ठगी करने वाला शातिर गिरोह पुलिस की गिरफ्त में आया है। मामला जशपुर जिले का है, जहां एसपी विजय अग्रवाल ने दो टीम बनाकर 23 दिनों की लगातार तफ्तीश के बाद बुलन्दशहर और बनारस से ठगों को गिरफ्तार किया है।
तालाब निर्माण और समतलीकरण के नाम पर ठगी
पकड़े गए गिरोह के लोग तालाब निमार्ण एवं जमीन समतलीकरण के नाम पर ठगी करते थे। बीते 5 मार्च को चोंगरीबहार निवासी रिटायर्ड शिक्षक बनेश्वर साय पिता घुरना साय, उम्र 66 वर्ष ने कांसाबेल थाने में आकर FIR दर्ज कराया कि ग्राम चोंगरीबहार में 3 मार्च को तीन व्यक्तियों द्वारा जमीन समतलीकरण के नाम से जे.सी.बी. से काम कराने का सौदा तय किया गया। रातों-रात समतलीकरण का काम भी किया गया।
काम के एवज में 20 लाख की मांग
जमीन समतलीकरण के एवज में रकम लेने के लिए वे बनेश्वर साय को स्टेट बैंक कांसाबेल ले गए और 20 लाख रुपये देने का दबाव बनाने लगे। इस दौरान वे बनेश्वर को धमकी देते रहे और 10 डिसमिल जमीन में काम के एवज में 7 लाख रूपये ले लिए जबकि यह रकम काफी ज्यादा थी। इस घटना की जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ था कि तीनों व्यक्ति अनिल, दीपक व अलीम के नाम से पुकार कर आपस में बातें कर रहे थे, तथा जान से मारने की धमकी देकर डराते हुए प्रार्थी से पैसा लिया गया है ।
रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नर को भी ठगा
ग्राम चोंगरीबहार के रहने वाले रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नरअलेक्जेण्डर पन्ना, उम्र 64 वर्ष भी ठगी का शिकार हुए। उन्होंने बताया गया कि बीते 26 फ़रवरी को उनके खेत में भी जे.सी.बी. से काम कराने के एवज में चार व्यक्तियों द्वारा जान से मारने की धमकी देकर आईडीबीआई बैंक भिलाई, नेहरू नगर में ले जाकर 5 लाख रूपये निकलवा कर ले लिया गया। दोनों घटनाओं में अज्ञात आरोपियों की पतासाजी हेतु पुलिस अधीक्षक जशपुर ने इंस्पेक्टर संतलाल आयाम, इंस्पेक्टर सन्तोष सिंह की अगुवाई में दो टीमें गठित की ।
किराये पर लेते थे JCB मशीन
विवेचना के दौरान पता चला कि दोनों मामलों में गई JCB मशीन आसपास कहीं से किराये पर ली गई थी। पुलिस ने जे.सी.बी. चालक तथा मालिक की तलाश की और उनके अलावा अन्य साक्षियों से भी पूछताछ की। इस दौरान आरोपियों के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्य प्राप्त हुए, जिनकी जिला सायबर सेल के माध्यम से खोजबीन शुरू की गई।
ठग खुद को बताते थे राजस्थान का निवासी
काम के दौरान ठग गिरोह के लोग खुद को राजस्थान का बताते थे। मगर साइबर सेल ने जब मोबाइल के नंबरों के आधार पर लोकेशन का पता किया तो संबंधित नंबर यूपी में एक्टिव मिले। इसके बाद निरीक्षक संतोष सिंह तथा संतलाल अयाम के नेतृत्व में दो टीम तैयार कर बुलंदशहर तथा वाराणसी उत्तर प्रदेश भेजा गया था, जहां दोनो वारदातों के कुल छः आरोपियों को पकड़ने में सफलता मिली है।
इनमे शमशाद, उम्र 41 वर्ष, छौवा, उम्र 48 वर्ष और संजीत खान, उम्र 50 वर्ष, तीनों ग्राम नरोरा, जिला बुलंदशहर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वहीं दूसरे गिरोह के जाकिर, उम्र 24 वर्ष, निवासी नरोरा जिला बुलंदशहर, अनिल कुमार गुप्ता, उम्र 30 वर्ष, दीपक गुप्ता, उम्र 23 वर्ष दोनों निवासी बसनी बाजार थाना बडागांव जिला वाराणसी उत्तर प्रदेश के निकले। आरोपियों की आपस में रिश्तेदारी भी है।
गिरोह बनाकर वारदातों को दिया अंजाम
इन आरोपियों ने पूछताछ करने पर बताया कि उन्होंने योजना बनाकर दो टीम तैयार की और वारदात को अंजाम दिया। जशपुर एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि आरोपियों में से दो जेल में बंद थे, जिन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया। इस वारदात में स्थानीय लोगों की भी भूमिका हो सकती है, जिनके बारे में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस गिरोह ने और किन लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। इनसे ठगी की रकम को भी रिकवर करने का प्रयास किया जा रहा है।
अंतर्राज्यीय ठग गिरोह को पकड़ने में सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक नसरुद्दीन अंसारी, थाना प्रभारी कांसाबेल निरीक्षक संतोष सिंह तथा थाना प्रभारी दुलदुला निरीक्षक संतलाल आयाम एवं इनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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