रायगढ़ : भगवान शिव को कोर्ट में पेशी के लिए उपस्थित होने का आदेश जारी करने वाले नायब तहसीलदार विक्रम राठौर को एसडीएम जुगल किशोर उर्वशा ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। इस विषय में कांग्रेस के प्रदेश सचिव अनिल अग्रवाल की ओर से कलेक्टर से शिकायत की गई थी। जिसके बाद नायब तहसीलदार को यह नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

बता दें कि भूमि अतिक्रमण से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर नायब तहसीलदार के द्वारा रायगढ़ के वार्ड क्रमांक 25 के पास 10 लोगों के नाम नोटिस जारी किया गया था। जिसमें एक शिव मंदिर का नाम भी शामिल था। नायब तहसीलदार ने इस नोटिस में किसी व्यक्ति का नाम ना लिखते हुए शिव मंदिर के नाम पर ही नोटिस जारी कर दिया था। नोटिस में लिखा था की पेशी में उपस्थित ना होने पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है और अन्य वैधानिक कार्यवाही भी की जा सकती है। जिसके बाद पेशी की तारीख पर 25 मार्च को वार्ड के पार्षद सहित मोहल्ले के निवासी शिवलिंग के साथ तहसील कार्यालय पहुंच गए। जिसके बाद यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है और लगातार इस पर विवाद बढ़ता जा रहा है।

कोर्ट पहुंचने पर भगवान को मिली नई तारीख


शिवलिंग को लेकर लोग कोर्ट तो पहुंचे। लेकिन वहां बाहर नोटिस लगा हुआ था कि पीठासीन अधिकारी किसी अन्य राजस्व कार्य में व्यस्त हैं, इसलिए मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तारीख निर्धारित कर दी गई। वहीं मंदिर से शिवलिंग उखाड़कर लाने और कोर्ट में पेश किए जाने के सवाल पर कांग्रेस पार्षद सपना सिदार ने कहा कि वह पहले से खंडित था। उसे मंदिर से बाहर कर नया स्थापित कर दिया गया था।

लगातार बढ़ते मामले और जिला प्रशासन की होती किरकिरी को ध्यान में रखते हुए रायगढ़ जिला कलेक्टर ने जिला प्रशासन की साख बचाने की कोशिश में कांग्रेसी नेता की शिकायत पर एसडीएम को निर्देश दिए और नायब तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है।

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