प्रसूता की मौत के बाद महिला डॉक्टर पर हत्या का जुर्म किया दर्ज, डॉक्टर ने सुसाइड नोट लिखकर लगा ली फांसी, देशभर के डॉक्टरों में आक्रोश
प्रसूता की मौत के बाद महिला डॉक्टर पर हत्या का जुर्म किया दर्ज, डॉक्टर ने सुसाइड नोट लिखकर लगा ली फांसी, देशभर के डॉक्टरों में आक्रोश

जयपुर। एक प्रसूता की मौत पर राजनीति से आहत एक महिला डाॅक्टर ने आत्महत्या कर ली। मामला राजस्थान ( जयपुर ) के दौसा जिले के लालासोठ का है। इस घटना को लेकर छत्तीसगढ़ सहित देश भर के डॉक्टर गुस्से में हैं और मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

जांच किये बिना लगा दी धारा 302

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा के विधानसभा क्षेत्र लालासोठ के एक निजी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान आशा देवी नाम की महिला की मौत हो गई। इसके बाद लालासोठ में भाजपा के पूर्व विधायक जितेंद्र गोठवाल अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए और हंगामा करना शुरू कर दिया। पुलिस ने हंगामा देख नेतागिरी के दबाव में आकर जांच किए बिना ही आईपीसी की धारा 302 के तहत महिला डाॅक्टर और उसके पति के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कर दी।

डिप्रेशन में आ गई महिला डाॅक्टर

केस दर्ज होने से महिला डाॅक्टर अर्चना शर्मा डिप्रेशन में आ गई और अपने आवास की तीसरी मंजिल पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में डॉक्टर ने लिखा “मरीज की मौत के लिए डाॅक्टरों को प्रताड़ित करना बंद किया जाए। अगर मेरी मौत से यह धारणा बदल जाए तो मैं जान दे रही हूं। मैंने कोई गलती नहीं की है, मेरे बच्चों का ख्याल रखना।”

दोष आखिर किसका..?

इस मामले में जितना दोष प्रदर्शन करने वालों का है, उतना ही दोष पुलिस का भी है। पुलिस ने बिना जांच किए एफआईआर दर्ज कर ली। अस्पताल के बाहर हंगामा होते देख डाॅक्टर दंपती सहम गए थे। वे देर रात तक अस्पताल में ही रहे। लेकिन इस बीच महिला डाॅक्टर अर्चना ने सुसाइड नोट लिखकर फंदा लगा लिया। सुबह डाॅक्टर द्वारा आत्महत्या किए जाने का पता चलने पर प्रदर्शनकारी चलते बने। नेतागिरी चमकाने की वजह से एक होनहार डाॅक्टर को आत्महत्या करनी पड़ी है। वहीं महिला चिकित्सक के पति डॉ. सुनित उपाध्याय ने लालसोट थाने में कुछ लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। 

देशभर से उठ रहे विरोध के स्वर

सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि किसी मरीज की मौत पर डॉक्टर के खिलाफ हत्या का जुर्म दर्ज नहीं किया जाये। बावजूद इसके डॉक्टर दंपत्ति के खिलाफ हत्या का जुर्म दर्ज कर दिया गया। जयपुर में इस मामले में केस दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की मांग को लेकरआज निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद रही। वहीं देशभर के डॉक्टरों के संगठन इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

JDA ने गहलोत को लिखा पत्र

इस घटना को लेकर छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों में भारी रोष है। Junior doctor association (JDA) ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ करवाई करने की मांग की है। JDA ने लिखा है कि पुलिस के साथ ही FIR दर्ज करने के लिए दबाव बनाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाये। वहीं IMA ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना पर विरोध जताया है।

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