येदियुरप्पा

नेशनल डेस्क। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा (B.S. Yediyurappa) अब एक नई परेशानी से घिरे हुए है। मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक के स्पेशल कोर्ट ने एक पुराने मामले में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। यह मामला कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 434 एकड़ जमीन को डिनोटिफाई (Land denotify) करने के मामले से जुड़ा हुआ है।

दरअसल, 2006 में बीएस येदियुरप्पा तत्कालीन बीजेपी-जेडीएस सरकार में डिप्टी सीएम थे, इस दौरान आईटी पार्क के नाम पर 434 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। जिसके बाद अब प्रदेश में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए खास तौर से बनी अदालत ने अब येदियुरप्पा के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है।इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

2013 में हुई थी शिकायत

इस मामले को लेकर 2013 में वासुदेव रेड्डी नाम के शख्स ने कर्नाटक लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी। तब राज्य सरकार ने बेंगलुरू में आईटी पार्क स्थापित करने के नाम पर 434 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। आरोप है कि इस जमीन को गैरकानूनी तरीके से डिनोटिफाई कर दिया गया और दूसरी प्राइवेट पार्टियों के हाथों में दे दिया गया। इसकी वजह से न सिर्फ इस जमीन के असली मालिक बल्कि राज्य सरकार को भी खासा नुकसान हुआ। लोकायुक्त पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके फरवरी 2015 में इसकी जांच शुरू की।

2021 में फाइल हुई थी क्लोज़र रिपोर्ट

2013 में जब वासुदेव रेड्डी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद येदियुरप्पा इसके खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंच गए। उन्होंने केस खारिज करने के लिए दलील देते हुए कहा कि “मामले के एक आरोपी पूर्व उद्योग मंत्री आरवी देशपांडे के खिलाफ केस को हाईकोर्ट खारिज कर चुका है, ऐसे में उनके खिलाफ मामला भी रद्द किया जाए।” लेकिन हाईकोर्ट ने इस बात से इनकार कर दिया। इसके बाद कई सालों तक लोकायुक्त पुलिस ने जांच करने के बाद जनवरी 2021 में क्लोजर रिपोर्ट फाइल की। उसमें कहा गया कि “येदियुरप्पा को जमीन नोटिफाई करने के बदले में किसी तरह का पेमेंट या कोई फायदा नहीं मिला था, न ही इस मामले में आगे केस चलाने के लिए कोई सबूत उपलब्ध हैं। ऐसे में केस को बंद कर दिया जाना चाहिए।”

वासुदेव रेड्डी ने क्लोज़र रिपोर्ट को दी चुनौती

पुलिस द्वारा फाइल किये गए इस क्लोजर रिपोर्ट को याचिकाकर्ता वासुदेव रेड्डी ने चुनौती दी, जिस पर जुलाई 2021 में स्पेशल कोर्ट ने पुलिस की जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया थ। अदालत का कहना था कि पुलिस ने अपनी जांच ठीक से नहीं की ह। सबूत उपलब्ध न होने के पहलू पर कानूनी प्रावधान सही से लागू नहीं किए गए ह। जिसके बाद अब स्पेशल कोर्ट ने येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(d) और Sec. 13(2) के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है। स्पेशल जज जयंत कुमार ने 26 मार्च को अपने आदेश में कहा कि मेरी राय में आरोपी (येदियुरप्पा) के खिलाफ केस चलाए जाने लायक पर्याप्त सबूत हैं।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर