चीन की इकोनामी पर कोरोना का अटैक, लॉकडाउन में 20 हजार से ज्यादा कर्मचारियों का ऑफिस में ही लगाया गया बिस्तर
चीन की इकोनामी पर कोरोना का अटैक, लॉकडाउन में 20 हजार से ज्यादा कर्मचारियों का ऑफिस में ही लगाया गया बिस्तर

बीजिंग। शंघाई में लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था के लुढ़कने की सबसे ज्यादा आशंका है। चीन में ऐसे में कर्मचारियों के लिए ऑफिस में ही रहने और खाने की व्यवस्था की गई है। शंघाई के लुजियाझुई जिले में करीब 20 हजार कर्मचारी, बैंकर्स और व्यापारी दफ्तरों में ही रह रहे हैं।

बता दें कि पूरे यूरोप समेत चीन में कोरोना फिर से लौट आया है। नया वैरिएंट चीन में आए दिन नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है। तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए यहां के कई शहरों में लॉकडाउन लगाया गया है। ऐसे में एक के बाद एक शहर में लॉकडाउन से चीन की अर्थव्यवस्था पर चोट पड़ने लगी है।

लॉकडाउन से पहले कर्मचारियों को बुलाया गया ऑफिस

शंघाई का लुजियाझुई शहर शेयर, बॉन्ड, विदेशी मुद्रा का चीन का सबसे बड़ा बाजार है। पिछले साल यहां 2,500 ट्रिलियन युआन (292 ट्रिलियन डॉलर) से अधिक का वित्तीय लेनदेन हुआ था। ऐसे में लॉकडाउन से यहां की अर्थव्यवस्था चौपट हो जाती। इसलिए लॉकडाउन लगने से पहले ही यहां कर्मचारियों को दफ्तर बुला लिया गया।

285 ऑफिस टॉवर हैं मौजूद

कोरोना के कारण लुजियाझुई भी लॉकडाउन की चपेट में है। यहां करीब 20 हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, लुजियाझुई में 285 ऑफिस टॉवर मौजूद हैं। इसके अलावा यहां कई गैर वित्तीय संस्थान भी मौजूद हैं।

चीनी फार्मूला: चार दिन आधे शहर में और फिर बचे शहर में लॉकडाउन

26 मिलियन आबादी वाले शहर की रणनीति के तहत पहले आधे शंघाई शहर में चार दिन के लिए लॉकडाउन लागू किया जाना है और इसके बाद चार दिन के लिए शहर के दूसरे हिस्से में प्रतिबंध लगाए जाने हैं।

इस रणनीति का उद्देश्य पूरे शहर की प्रभावी कोरोना वायरस जांच कराना है और अब तक के सबसे बड़े कोरोना प्रसार को नियंत्रण में लाना है। चीन के कई अन्य शहरों में भी लॉकडाउन लागू किया गया है।