कोरोना काल के बीच दुनिया के लिए नई चुनौती बन सकती है लासा फीवर, जानें इसके लक्षण
कोरोना काल के बीच दुनिया के लिए नई चुनौती बन सकती है लासा फीवर, जानें इसके लक्षण

इंटरनेशनल डेस्क। कोरोना महामारी के बीच नाइजीरिया में तेजी से पांव पसार रहा लासा फीवर दुनिया के लिए नई चुनौती खड़ी कर सकता है। नाइजीरिया सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के अनुसार नाइजीरिया में इस वर्ष 88 दिनों में लासा फीवर से 123 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अब तक 659 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।

नाइजीरिया में लासा का प्रकोप

  • 21 से 30 वर्ष के लोग सबसे अधिक संक्रमित हुए।
  • 45 स्वास्थ्यकर्मी इस साल बीमारी की चपेट में आए।
  • 36 में से 23 राज्यों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
  • 18.7 फीसदी है मृत्यु दर जनवरी से मार्च के बीच।

80 फीसदी मरीजों में लक्षण नहीं : WHO

डब्ल्यूएचओ के अनुसार लासा फीवर की चपेट में आने वाले 80 फीसदी में संक्रमण का कोई लक्षण नहीं दिखता है। पांच में से एक संक्रमित को गंभीर तकलीफ होती है। वायरस से शरीर के प्रमुख अंग लिवर, स्प्लीन और किडनी को बुरी तरह प्रभावित होने का साक्ष्य मिला है। गंभीर मरीजों की मौत का कारण ऑर्गन फेल्योर होता है।

21 दिनों तक बुखार का असर

मनुष्य पर लासा फीवर का प्रभाव दो से 21 दिन तक रहता है। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार इस बीमारी की पहली बार पुष्टि वर्ष 1969 में नाइजीरिया के लासा शहर में हुई थी। इसके बाद इसका नाम लासा रखा गया था।

कोरोना जैसे लासा वायरस के लक्षण

डब्ल्यूएचओ के अनुसार लासा वायरस की चपेट में आने पर व्यक्ति को तेज बुखार्, सिर दर्द, गले में खराश, मांसपेशी में दर्द, सीने में दर्द, डायरिया, खांसी, पेट में दर्द और जी मिचलाना है। गंभीर मरीजों में चेहरे पर सूजन, फेफड़ों में पानी, मुंह और नाक से खून निकलने लगता है। मरीज के ब्लड प्रेशर में भी तेजी से गिरावट आने लगती है।

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