पूरी। पूरी के विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में मिट्टी के 40 चूल्हे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन चूल्हों का इस्तेमाल ‘महाप्रसाद’ तैयार करने में किया जाता था जो भगवान को अर्पित किया जाता है। चूल्हों के क्षतिग्रस्त होने से भगवान जगन्नाथ के करोड़ों भक्तों को ठेस पहुंची है।

ओडिशा में विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस ने श्री जगन्नाथ मंदिर की रसोई में मिट्टी के चूल्हों को क्षतिग्रस्त किए जाने पर राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया। कांग्रेस प्रवक्ता निशिकांत मिश्रा ने श्री जगन्नाथ मंदिर के रसोई घर के मिट्टी के चूल्हों को हुए नुकसान को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम बताया। उन्होंने कहा कि मंदिर के चारों ओर गलियारा विरासत परियोजना के तहत जारी अवैध निर्माण गतिविधियों के कारण पैदा हुए विवाद से लोगों का ध्यान हटाने के लिए चूल्हों को नुकसान पहुंचाया गया है।

भाजपा की महासचिव लेखश्री सामंत सिंघार ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर की रसोई में चूल्हों के क्षतिग्रस्त होने से भगवान जगन्नाथ के करोड़ों भक्तों को ठेस पहुंची है। महाप्रसाद बनाने वाले चूल्हों को नुकसान पहुंचाकर महाप्रसाद बनाने में समस्या पैदा करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सरकार से यह सुनिश्चित करने की भी मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

ये चूल्हे दुनिया की सबसे बड़ी रसोई में से एक थे थे। जानकारी के अनुसार लगभग 300 कुंतल चावल इस रसोई में रोज पकाया जाता है। रसोई में प्रवेश की अनुमति केवल रसोइये को होती है। इस घटना ने मंदिर की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

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