रायपुर। कोंडागांव जिले में लगातार नक्सली घटनाओं की संख्या में कमी आ रही है। जिसके कारण अब यह जिला अति नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल नहीं है। यह जानकारी छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने दी। उन्होंने कहा कि कोंडागांव जिले में लगातार घटनाएं कम हो रही हैं। साथ ही हमारी योजनाओं के कारण जिले के लोगों में विश्वास भी बढ़ा है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि घटनाएं कम हो रही है। बस्तर की पहचान पहले धूमिल हो गई थी अब वह लौट रही है। उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि बस्तर में शांति लौटे।
इसी के साथ उन्होंने रामवन गमन पथ के संबंध में कहा कि एक-एक पड़ाव को हम पूरा कर रहे हैं। पहला पड़ाव हमारा चंदखुरी था जहां से राम वन गमन पथ की शुरूआत की गई। लोगों के अंदर काफी उत्साह देखने को मिला हजारों लोग वहां जा रहे हैं और दर्शन कर रहे हैं दूसरा शिवरीनारायण है।
छत्तीसगढ़ में पूरे पड़ाव है उसको हम धीरे-धीरे पूरा करेंगे। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को देश दुनिया जाने इस दिशा में हम काम कर रहे है। छत्तीसगढ़ पहले नक्सलियों के नाम से जाना जाता था। जो छबि धूमिल हुई थी उसे हम और आप मिलकर हटाना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ की संस्कृति अब पूरी दुनिया जानेगी। राम वन गमन पथ योजना बेहद महत्वपूर्ण है यह पूरे छत्तीसगढ़ को जोड़ती है।
जेल भेजना हमारा उद्देश्य नहीं
चिटफंड कंपनियों के पैसे को निवेशकों को वापसी करने के संबंध में सीएम ने कहा कि लगातार कंपनियों के एजेंट्स से बात की जा रही है। जो उनकी और भी संपत्ति है उसकी जानकारी मांग रहे हैं। डायरेक्टरों से भी हम बात कर रहे हैं जेल भेजना हमारा उद्देश्य नहीं। हमारा उद्देश्य है कि जो निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है वह उनको मिल जाए। हमारे अधिकारी कर्मचारी कलेक्टर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।
खैरागढ़ उपचुनाव पर कहां कि चुनाव को हम कभी हल्के में नहीं लेते। चाहे नगरी निकाय चुनाव या फिर उपचुनाव सभी को हम बहुत गंभीरता से लेते हैं।
शासन की योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचे यह हमारा लक्ष्य है। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ की हर योजना पर निगाह रख रही है। चाहे नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना हो या न्याय योजना।
सीएम ने आगे कहा कि लॉकडाउन के समय हमारा जो प्रोटोकॉल था उसे केंद्र सरकार ने भी जारी किया था। केंद्र सरकार फॉलो कर रही है बहुत अच्छी बात है यही छत्तीसगढ़ मॉडल है जिसको पूरा देश अपना रहा है।
नक्सलियों से बात करने को तैयार है सरकार
नक्सलियों से बातचीत के लिए है सरकार तैयार है। भारत के संविधान में नक्सली यदि विश्वास रखते हैं तो किसी भी प्लेटफॉर्म पर नक्सलियों से बातचीत करने में कोई एतराज नहीं है।
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