स्टील और पावर प्लांट के विरोध में यहां 45 दिनों से किसान कर रहे हैं प्रदर्शन, बिना अनुमति के गैरकानूनी ढंग से निर्माण का लग रहा है आरोप
स्टील और पावर प्लांट के विरोध में यहां 45 दिनों से किसान कर रहे हैं प्रदर्शन, बिना अनुमति के गैरकानूनी ढंग से निर्माण का लग रहा है आरोप

महासमुंद। यहां के हाईवे में स्थित गांव खैरझिटी, कौंवाझर और आसपास की 125 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित करणी कृपा स्टील एंड पावर प्लांट को अभी स्वीकृति नहीं मिली है और यहां प्रबंधन ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, जबकि ग्रामीण इस प्लांट के खुलने से पूरे इलाके में प्रदूषण फैलने की आशंका जताते हुए संयंत्र का जमकर विरोध कर रहे हैं। इसके विरोध में यहां बीते 45 दिनों से ग्रामीण धरना-प्रदर्शन कर रहे है।

खेती के नाम पर जमीन खरीदी और…

महासमुंद के ग्राम खैरझिटी, कौंवाझर, मालीडीह एवं कुकराडीह गांव के किसानों की काबिज कास्त भूमि, वन भूमि, कृषि भूमि, आदिवासी भूमि में गैर कानूनी ढंग से करणी कृपा स्टील एवं पावर प्लांट के मालिक द्वारा निर्माण कार्य जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि बीते 10 -12 सालों से किसी चौधरी परिवार द्वारा इलाके की जमीन यह कहकर खरीदी की गई कि वे यहां खेती-बड़ी करेंगे, मगर अब इस जमीन पर मां करणी कृपा स्टील और पावर प्लांट की स्थापना की जा रही है। आरोप तो यह भी लग रहा है कि यहां वनभूमि और घास जमीन भी प्रबंधन ने हथिया ली है, वहीं आदिवासियों की जमीन भी यहाँ गलत तरीके से रजिस्ट्री करा लिए जाने का आरोप लग रहा है।

जनसुनवाई में भारी विरोध

जिला प्रशासन द्वारा पिछले दिनों प्लांट की स्थापना के लिए पर्यावरणीय जनसुनवाई का आयोजन किया गया, जिसमे दर्जनों गांवों के लोग एकत्र हुए और प्लांट के लगने से यहां पर्यावरण के प्रदूषित होने के साथ जल प्रदुषण और जल स्तर कम होने और खेती बर्बाद होने का खतरा जताते हुए प्लांट का विरोध किया। किसानों ने यहां किसी भी हालत में प्लांट नहीं लगने देने की चेतावनी भी दी।

पुरातत्व स्थल सिरपुर को भी खतरा

किसानों का कहना है कि तुमगांव क्षेत्र के कृषि भूमि, काबिज कास्त भूमि, वन भूमि, आदिवासी भूमि में स्टील और पावर प्लांट लगने से पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल सिरपुर सहित पूरा इलाका प्रदूषित हो जायेगा।

अनुमति नहीं और इधर निर्माण कार्य जारी

ग्रामीणों का कहना है कि फ़िलहाल संयंत्र के लिए पर्यावरणीय जनसुनवाई हुई है और प्लांट स्थापित करने की अनुमति नहीं मिली है बावजूद इसके प्रबंधन द्वारा प्रस्तावित स्थल पर निर्माण कार्य जारी है, जिसकी शिकायत के बावजूद प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है। हाईवे के समीप प्रस्तावित इस उद्योग को लगाने के लिए अनेक विभाग, पंचायत एवं ग्राम सभा से अभी तक कोई एनओसी नहीं लिए जाने की बात भी कही जा रही है।

महिला किसानों ने किया आंदोलन

प्लांट का लगातार विरोध करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होने पर बीते 4 अप्रैल को महासमुंद के लोहिया चौक में विशाल महिला किसान धरना सत्याग्रह और रैली का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों महिला किसानों ने हिस्सा लिया। दावा किया गया कि यह ऐतिहासिक महिला किसान सत्याग्रह एवं रैली पूरे भारत वर्ष में पहली बार छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित किया गया।

कलेक्ट्रेट का किया घेराव

करणी कृपा प्लांट के विरोध में लगभग 15 गावों के किसान यहां बीते 45 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने महिला किसानों के नेतृत्व में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर रैली निकली गई और कलेक्ट्रेट का भी घेराव किया। इस दौरान कलेक्टर से इनकी वार्ता भी हुई। बताया जाता है कि कलेक्ट्रेट नीलेश क्षीरसागर ने विरोध को जायज बताया मगर यह भी सवाल किया कि अगर प्लांट नहीं लगेगा तो इलाके में विकास कार्य और युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा।

संगठनों का मिल रहा है समर्थन

प्लांट के खिलाफ ग्रामीणों के इस प्रदर्शन को संयुक्त किसान मोर्चा के साथ ही अन्य कई किसान-श्रमिक संगठनों और राजनैतिक दलों का समर्थन भी मिल रहा है। आम आदमी पार्टी ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया है। पार्टी की उपाध्यक्ष दुर्गा झा ने कहा है कि अगर किसानो की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रशासन ने पहल नहीं की तो ‘आप’ भी किसानों के साथ उग्र प्रदर्शन करेगी।

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