रायपुर : रायपुर के टाटीबंध में स्थित महर्षि विद्या मंदिर विवादों के घेरे में घिर गया है। मामला छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग तक भी जा पहुँचा है। दरअसल विद्यालय में पढ़ने वाले तीन छात्रों के एक अभिभावक ने आरोप लगाते हुए कहा है कि विद्यालय सत्र 2020-21 की तुलना में सत्र 2021-22 के लिए फीस में 100% वृद्धि कर दी गई है, जो नियमों के विरुद्ध है। बता दें अभिभावक के तीन बच्चे इसी विद्यालय की कक्षा 6वीं, 7वीं और 9वीं में पढ़ते हैं।

छात्रों के अभिभावक ने बताया कि उन्होंने इस बात की लिखित शिकायत विद्यालय में की थी। जिसके बाद भी फीस के मामले में कोई राहत नहीं मिली थी। इसके साथ ही उन्हें विद्यालय की ओर से शिकायत की कोई पावती भी नहीं दी गई। लम्बे समय तक प्रतीक्षा करने के बाद अभिभावकों ने मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी को दी थी। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई न किए जाने पर अभिभावकों ने जिला कलेक्टर के समक्ष शिकायत दर्ज की। अंततः अभिभावकों ने मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग में की।

इस पूरी प्रक्रिया के दौरान बच्चों को क्लास अटेंड करने से वंचित रखा गया और एक छात्र जो कक्षा 9वीं में अध्ययनरत था उसे परीक्षा से भी वंचित रखा गया। जिससे उन छात्रों का भविष्य खतरे में आ गया था। अब जब छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामला अपने हाथ में लिया। उसके बाद विद्यालय की ओर से इन छात्रों के शुल्क में 50% छूट दी गई है वहीं परीक्षा से वंचित रखे गए छात्र के लिए 10 जून से पहले परीक्षा आयोजित करने के निर्देश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने विद्यालय को दिए हैं।

आयोग द्वारा जारी पत्र

ये कहते हैं आँकड़े

अभिभावक ने फीस बढ़ोतरी का आरोप लगाते हुए कहा कि विद्यालय में विभिन्न कक्षाओं के शुल्क में 100% से भी अधिक की बढ़ोतरी की गई है। अभिभावक ने जानकारी दी कि सत्र 2019-20 के लिए दसवीं कक्षा के शुल्क ₹38,400 था जिसके बाद कोरोना आ जाने के कारण इस शुल्क को घटाकर सत्र 2020-21 में ₹20,000 कर दिया गया जिसके बाद ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर ही सत्र 2021-22 में ₹50,400 की वसूली विद्यालय प्रशासन के द्वारा की गई जबकि वर्ष के अधिकांश समय कक्षाएं ऑफलाइन रही थी।

सत्र 2022-23 हेतु विद्यालय का शुल्क विवरण

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सत्र 20-21 में शुल्क ₹20,000 था वहीं 21-22 में ₹50,400 जो 100% से भी अधिक नजर आता है। हालांकि सत्र 2022-23 के लिए शुल्क को घटाकर ₹40,032 कर दिया गया यह पूरा हिसाब किताब देखने में ही गड़बड़ नजर आता है। साथ ही अभिभावक ने जानकारी दी कि कक्षा छठवीं का सत्र 2020-21 का शुल्क ₹16,800 था वहीं सत्र 2021-22 के लिए इसे बढ़ाकर ₹40,640 कर दिया गया है।

नहीम आया RTI का जवाब

अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से सूचना के अधिकार के अंतर्गत जानकारियाँ भी मांगी थी। यह आवेदन अभिभावकों ने 21 जनवरी 2022 को किये थे। जिनके जवाब मं अब तक कार्यालय से कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है।

इस पूरे मामले से फीस के नाम पर होने वाले गोलमाल से जुड़े सवाल उठने लगे हैं। न जाने कितने ऐसे घोटाले विद्यालयों के द्वारा किये जाते रहे हैं। न जाने कितने छात्र और अभिभावक इससे परेशआन हैं। इस मामले में तो बच्चों की फीस आधी हो गई परीक्षा के भी निर्देश दे दिए गए। लेकिन इस विद्यालय, शहर, प्रदेश में और कितने ऐसे छात्र और अभिभावक होंगे जो साल दर साल ये लड़ाई हार रहे हैं और उनका भविष्य अंधेरे में जा रहा है।

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