पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को फिर किया गया नजरबंद

श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी नेता महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से एहतियात के तौर पर आज उनके घर में एक बार फिर नजरबंद कर लिया गया है।
महबूबा मुफ्ती ने इस नजरबंदी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मैं आज शोपियां में उस कश्मीर हिंदू परिवार के पास अपनी सांत्वना व्यक्त करने जाना चाहती थी, जिस पर बीते सप्ताह हमला हुआ था।

भारत सरकार जानबूझकर मुख्यधारा से जुड़े कश्मीरियों और कश्मीरी मुस्लिमों को कश्मीरी हिंदुओं के पलायन के लिए जिम्मेदार ठहराने का दुष्प्रचार अभियान चलाए हुए है। केंद्र सरकार यह नहीं चाहती कि उसके इस दुष्प्रचार की पोल खुले। आपको बता दें कि महबूबा मुफ्ती जिस कश्मीरी पंडित परिवार से मिलने के लिए शोपियां जा रही थीं वह आतंकी हमले में घायल हुए दवा विक्रेता बाल कृष्ण उर्फ सोनू का है।

गत 4 अप्रैल को शाम 7.45 बजे शोपियां के चोटीगाम हरमेन इलाके में आतंकवादियों ने बाल कृष्ण पर उस समय गोलियां बरसाई जब वह अपने घर के बाहर खड़े हुए थे। एक के बाद एक आतंकवादियों ने उस पर तीन गाेलियां चलाई और फिर वहां से फरार हो गए।

आतंकवादियों को लगा कि इतनी गोलियां लगने के बाद बाल कृष्ण मर गया होगा परंतु अभी उसकी सांसें चल रही थी। स्थानीय लोगों की मदद से उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने उसका इलाज किया और अब उसकी हालत बेहतर बताई जा रही है।

गोलियां उसकी पैर और बाजू में गोली लगी थी। चोटीगाम हरमेन में कश्मीरी पंडितों के तीन परिवार रहते हैं। महबूबा मुफ्ती बाल कृष्ण की कुशलक्षेम लेने के लिए शोपियां जाने की तैयारी कर रही थी। पूछताछ की तो पता चला कि तीनों लश्कर के वही आतंकी है

पार्टी नेताओं का कहना था कि महबूबा मुफ्ती शोपियां में रह रहे कश्मीरी पंडितों के बीच जाकर उन्हें इस बात का यकीन दिलाना चाहती हैं कि कश्मीर घाटी में रह रहे पंडितों को डरने की जरूरत नहीं है। घाटी के मुस्लिम भाई हर परिस्थिति में उनके साथ हैं।

प्रशासन को लगा कि महबूबा का शोपियां जाना उनकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। लिहाजा उन्हें रोकने के लिए उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया गया। इससे पहले भी महबूबा मुफ्ती को कई बार घर में नजरबंद किया जा चुका है।

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