रायपुर: छत्तीसगढ़ में वन विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित कर दिया है। 22 दिनों तक आंदोलन करने के बाद कर्मचारी अब काम पर लौटेंगे। कर्मचारी संघ ने हड़ताल स्थगित करने का प्रतिवेदन पीसीसीएफ को सौंप दिया है। संघ ने सरकार को दो महीने का अल्टीमेटम भी दिया है। दो माह के भीतर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो कर्मचारी फिर आंदोलन करेंगे। इधर शासन ने हड़ताल से वापस नहीं आने पर एस्मा लगाने का नोटिस जारी किया था।
बता दें कि प्रदेशभर के करीब 10 हजार वन कर्मचारी अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 21 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। कर्मचारी जिला मुख्यालय में धरना दे रहे हैं। वन कर्मचारियों की 9 मांग पूरी हो चुकी है, जबकि 3 मांगों पर सहमति बन गई है। कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद ही यह मांगें मंजूर होंगी, लेकिन हड़ताली कर्मचारी विभाग से लिखित में आदेश की मांग कर रहे थे। लिखित आदेश नहीं मिलने के कारण ही हड़ताल इतना लंबा खींच गया। वन कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से जंगल में आगजनी की घटनाएं बढ़ गई थी।

2 महीने में मांग पूरी होने पर बनी सहमति:

छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष मूलचंद शर्मा ने बताया कि मांगों के संदर्भ में शासन से चर्चा हुई है। अधिकांश मांगें पूरी हो गई है। कुछ मांगों के लिए कैबिनेट की मंजूरी जरूरी है। शर्मा ने कहा कि एस्मा के डर से हमने हड़ताल वापस नहीं लिया है। शासन स्तर पर दो माह में मांगों को पूरा करने की सहमति बनी है। वन विभाग के सभी कर्मचारी काम पर वापस लौटेंगे। उन्होंने कहा कि मांगें नहीं मानी गई तो कर्मचारी फिर आंदोलन को मजबूर होंगे।