रायपुर: चिटफंड कंपनियों द्वारा ठगी का शिकार हुए लोगो के लिए एक अच्छी खबर आयी है। रायपुर जिले की चिटफंड कंपनी निर्मल इन्फ्राहोम कार्पोरेशन (Nirmal Infrahome Corporation) की कुर्क की गई संपत्ति की नीलामी हुई है। चिटफंड कंपनी निर्मल इन्फ्राहोम कार्पोरेशन की रायपुर जिले के खरोरा की 0.834 हेक्टयर भूमि नीलाम की गयी है। ये भूमि बाजार भाव से तीन गुना अधिक दर पर बेची गई।

तहसील कार्यालय में हुई नीलामी

आपको बता दें कि रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने चिटफंड कंपनी निर्मल इन्फ्राहोम कार्पोरेशन की खरोरा गांव स्थित भूमि को कुर्क किया था। इसके बाद जिला दण्डाधिकारी कार्यालय से आदेश जारी कर भूमि को नीलाम करने के लिए तहसीलदार खरोरा को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। प्रकरण में चिटफंड कंपनी निर्मल इन्फ्राहोम कार्पोरेशन लिमिटेड अर्चना काम्पलेक्स एमपी नगर भोपाल को नोटिस भी जारी किया गया था। नीलामी की कार्रवाई के पहले सिविल प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत समाचार पत्र में सूचना भी जारी की गई थी। खरोरा की इस भूमि का स्थानीय पटवारी और राजस्व निरीक्षक द्वारा मूल्य गणना भी कराया गया था। राजस्व अधिकारियों ने बाजार मूल्य के हिसाब से इस भूमि का मूल्य 13 लाख 90 हजार 612 रूपये अनुमानित किया था।
बाजार मूल्य से 3 गुना से भी अधिक कीमत पर हुई नीलामी: खरोरा तहसील कार्यालय में नीलामी में आठ लोग शामिल हुए, जिनमें से अमित अग्रवाल ने 51 लाख 51 हजार रूपये की बोली लगाकर भूमि को खरीदा। दूसरी सबसे बड़ी बोली 51 लाख 21 हजार रूपये की रही जिसे गोपी नशीने ने लगाया था। नीलामी के दौरान तहसीलदार खरोरा कृष्ण कुमार साहू, राजस्व निरीक्षक, पटवारी और नीलामी में शामिल पक्षकार मौजूद थे।

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लगातार हो रही है कुर्क सम्पत्तियों की नीलामी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इतना ही नहीं बल्कि प्रदेशभर से चिटफंड कंपनी में डूबे निवेशकों से सरकार ने आवेदन भी मंगाए थे। उसके बाद से लगातार कार्रवाई की जा रही है। भूपेश बघेल के निर्देश के बाद से छत्तीसगढ़ में लगातार कई चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क की जा रही है। इससे पहले भी चिटफंड कंपनी की संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए गए थे जिसमें से दिव्यानी कंपनी की तीन प्रॉपर्टी 6 जनवरी को नीलाम हुई थी। प्रशासन को 4 करोड़ से अधिक रुपए मिले थे जिसके बाद धोखाधड़ी के पीड़ितों के खाते में पैसे ट्रांसफर करने की प्रक्रिया भी प्रशासन की ओर से शुरू कर दी गई थी।

रायपुर में दर्ज हैं 100 से अधिक मामले, 58 कंपनियों के डायरेक्टर हो चुके हैं गिरफ्तार

चिटफंड मामले में रायपुर जिले में सभी थानों को मिलाकर चिटफंड संबंधित 100 से ज़्यादा अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं। राज्य में 15 जुलाई 2021 को छत्तीसगढ़ निवेशक अधिनियम बना था उसके बाद पंजीबद्ध 47 प्रकरण दर्ज हुए थे जिसमें करीब 28 कंपनियों की संपत्ति के संबंध में जानकारी लेकर उसकी कुर्की के संबंध में कलेक्टर कार्यालय को भेजा गया था। टोटल 58 ऐसे आरोपी हैं, जो डायरेक्टर हैं और जिन्हें गिरफ्तार किया गया था। अभी 74 डायरेक्टर बचे हैं, जिसमें से लगभग 15 डायरेक्टर अलग-अलग प्रकरणों में दूसरे जेल में हैं, जिन्हें न्यायिक रिमांड के लिए प्रोडक्शन वारंट न्यायाल से जारी कर गिरफ्तार किया जाना है।