टीआरपी डेस्क। जम्मू-कश्मीर में आगामी अमरनाथ यात्रा की व्यवस्था को लेकर सुरक्षा अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में मुख्य रूप से तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर जरूरी फैसले लिए गये हैं।
इस बैठक में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नज़र रखने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान का उपयोग किये जाने का फैसला लिया गया है। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के सीईओ नीतीशवार कुमार ने कहा कि तीर्थयात्रा 43 दिनों के लिए आयोजित होगी।
30 जून से लेकर 11 अगस्त तक आयोजित की जाएगी परीक्षा
यह 30 जून से लेकर 11 अगस्त तक के लिए आयोजित की जाएगी। पोनी संचालकों के लिए बीमा कवरेज अवधि बढ़ाकर 1 वर्ष कर दी गई है। आपको बता दें कि तीस जून से शुरू होने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए यह पहली सुरक्षा समीक्षा बैठक थी।
यात्रा के लिये केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कुल 110 कंपनियों या 10 हजार जवानों को तैनात किए जाने की उम्मीद है। अधिकारियों ने कहा कि बैठक 15 अप्रैल को होगी और इसकी अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा करेंगे। बैठक में श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी), खुफिया विभाग, केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अफसर शामिल होंगे।
11 अप्रैल से शुरू हो चुकी है रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
अमरनाथ यात्रा पर जाने के इच्छुल लोग 11 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। यात्रा का समापन 11 अगस्त 2022 को होगा।
कैसे करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
श्रद्धालु आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in/ पर जाकर यात्रा के लिए रजिसट्रेशन करा सकते हैं। 13 साल से 75 वर्ष की आयु के लोग ही अमरनाथ यात्रा के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा 6 महीने से ज्यादा की गर्भवती महिला को भी यात्रा की अनुमति नहीं है।
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