राजस्थान: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा डूंगरपुर जिले में आजादी की गौरव यात्रा को संबोधित करते हुए दिए बयान ने राजस्थान की राजनीती में सुगबुगाहट को और तेज़ कर दिया है। सीएम गहलोत ने डूंगरपुर की जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुजरात के कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा को डेपुटेशन पर गुजरात भेजा गया है। लेकिन इन्होंने कहा कि मैं एक साथ दो काम नहीं कर सकता। या तो मंत्री रहूंगा या फिर प्रभारी बनूंगा। इसी तरह हरीश चौधरी ने पंजाब की कमान संभाली और गोविंद सिंह डोटासरा ने पीसीसी चीफ की। सीएम गहलोत ने तीनों नेताओं से कहा कि जब आप चाहो मंत्री बन सकते हो।

अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं रघु शर्मा

सीएम के इस बयान के बाद राजनितिक पंडितो का मानना है कि रघु शर्मा, हरीश चौधरी और डोटासरा की कैबिनेट में वापसी हो सकती है और आने वाले 2023 के चुनाव में रघु शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री चेहरा भी बनाया जा सकता है। गहलोत ने गुजरात कांग्रेस के प्रभारी व राज्य के पूर्व मंत्री रघु शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसरा से कहा कि “पार्टी ने उन्हें संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी है। बेहतर काम हो रहा है। मंत्री पद छोड़ा है। इसकी चिंता मत कीजिए। मंत्री तो जब चाहोगे तब बन जाओगे। पिछली बार मैं गुजरात का प्रभारी था, मुझे मुख्यमंत्री बना दिया।”

बुलडोज़र की राजनीती पर जम कर बरसे गहलोत

गहलोत ने बुलडोजर की राजनीति पर फिर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार निर्दोष लोगों के मकानों दुकानों पर बुलडोजर चला रही है। अगर वे दोषी भी हैं तो कानूनी की प्रक्रिया के तहत होना चाहिए। किसी का मकान और दुकान तोड़ना सीएम और पीएम का भी हक नहीं है। यह कानून तय करेगा। इस वक्त देश में कानून का राज खत्म होता जा रहा है। बुलडोजर को लेकर शिवराज यूपी के सीएम येागी को भी पीछे छोड़ देना चाहते हैं। आरएसएस पीछे रहकर भाजपा को जीताने का काम कर रही है। खुद को सामाजिक व सांस्कृतिक संगठन बताती है। इनकी कथनी और करनी में फर्क है। राजनीति ही करनी है तो भाजपा काे आरएसएस मे मर्ज कर दे और सियासत में आकर कांग्रेस से मुकाबला करे।

बिना नाम लिए पायलेट को बनाया निशाना

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि देश किन लोगों के हाथों में है। मध्यप्रदेश में एमएलए खरीदकर कांग्रेस सरकार को गिराया गया। राजस्थान में भी कोशिश की गई। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, गजेंद्र सिंह शेखावत, धर्मेंद प्रधान आदि ने मिलकर यह साजिश रची। सफल नहीं हो सके। ये उन पर धब्बा लगा है जो हमेशा याद रहेगा। सीएम गहलोत ने पायलट का नाम लिए बिना ही जमकर निशाना साधा। मुख्यमंत्री गहलोत शुक्रवार को डूंगरपुर जिले में गुजरात की रतनपुरा बॉर्डर पर आजादी गौरव यात्रा के राजस्थान में प्रवेश पर आयोजित स्वागत समारोह को संबोधित किया। गहलोत ने बेणेश्वर में पुल निर्माण, जल मिशन, माही की नहरें, गर्ल्स कॉलेज आदि घोषणाओं को भी याद दिलाया। गहलोत ने आजादी की गौरव यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा प्रदेश में 800 किमी का सफर तय करेगी। देश में इस वक्त हिंसा का माहौल है, ऐसे में यह यात्रा घर-घर तक शांति, अहिंसा और भाईचारे का पैगाम पहुंचाएगी। हमने बांसवाड़ा को रेल से जोड़ने के लिए डूंगरपुर से बांसवाड़ा होकर रतलाम जोड़ने की योजना बनाई और उसका शिलान्यास भी किया था। आधा पैसा राज्य सरकार दे रही थी, लेकिन सरकार बदलने के बाद केंद्र ने इस योजना को रोक दिया। अब तक रेल लाइन से नहीं जुड़े बांसवाड़ा के लिए रेल बड़ा मुद्दा है।

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