अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के परसा कोल ब्लॉक को अनुमति दिए जाने का विरोध कर रहे ग्रामीणों की उग्र भीड़ ने खदान के निर्माण कार्य को बंद कराते हुए कार्यस्थल पर लगे जनरेटर व अस्थाई पोस्ट को आग के हवाले कर दिया है। आगजनी की घटना के बाद खदान का समर्थन करने वाले भी वहां आ गए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। सूचना पर डिप्टी कलेक्टर बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे हैं।


खदान खोलने की अनुमति देने से भड़का गुस्सा
बता दें कि यह कोल ब्लॉक राजस्थान पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को आबंटित है और खदान के संचालन का जिम्मा अडानी इंटरप्राइजेज को दिए जाने की जानकारी मिली है। दरअसल केंद्र से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद परसा कोल ब्लॉक में संबंधित कंपनी द्वारा कैंप लगाकर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है, जिसके विरोध में आज ग्रामीणों ने रैली निकाली और कैंप पर पहुँच कर तोड़फोड़ की।

आंदोलनकारियों द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन ग्राम हरिहरपुर में किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा खदान खोलने की अनुमति देने के संबंध में जानकारी मिलने पर ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया है। शुक्रवार को दोपहर बाद ग्रामीणों की भीड़ ग्राम साल्ही स्थित खदान के पास पहुंची और कार्यस्थल में लगे कंपनी के जनरेटर व मजदूरों के अस्थाई टीन शेड से बने निवास को आग के हवाले कर दिया।

पुलिस व प्रशासन की टीम मौजूद
आगजनी से अडानी कंपनी को कितने का नुकसान हुआ है, यह अभी पता नहीं चल पाया है। घटना स्थल ग्राम साल्ही में काफी संख्या में पुलिस बल अभी मौके पर मौजूद है। घटना की सूचना पर पर डिप्टी कलेक्टर अनिकेत साहू, थाना प्रभारी लखनपुर प्रशिक्षु आईपीएस रॉबिंसन गुड़िया, उदयपुर थाना प्रभारी धीरेंद्र नाथ दुबे सहित पुलिस बल मौके पहुंचे हैं।
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