रामवन गमन पथ सर्किट में चंपारण भी होगा शामिल, विकास के लिए बनेगी योजना

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे पुरखों ने जिस छत्तीसगढ़ का सपना देखा था, पिछले सवा तीन साल के दौरान हमने उन्हीं सपनों को साकार करने की दिशा में काम किया है। श्री बघेल ने कहा कि हम सब ने छत्तीसगढ़ महतारी का मान बढ़ाने और छत्तीसगढ़ को नयी पहचान दिलाने का संकल्प लिया था और मात्र सवा तीन साल में ही हम छत्तीसगढ़ को नयी पहचान दिलाने में कामयाब हुए हैं। सवा तीन साल पहले तक छत्तीसगढ़ को खदानों या फिर नक्सल उपद्रव के नाम पर जाना जाता था, आज छत्तीसगढ़ की चर्चा उसके गांवों की समृद्धि को लेकर होती है।

मुख्यमंत्री आज रायपुर जिले के ग्राम टीला में आयोजित छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज चंदखुरी राज के 76वें महाअधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए अनेक सौगातें दी। मुख्यमंत्री ने मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के सामाजिक भवन के लिए 20 लाख रुपये की मंजूरी दी। उन्होंने टीला-हथखोज सड़क पर महानदी में उच्च स्तरीय पुल निर्माण की घोषणा करते हुए कहा कि चंपारण को रामवन गमन पथ सर्किट में शामिल किया जायेगा। चंपारण के विकास के लिए योजना बनाई जाएगी। कौशल्या माता के जन्म की सही तिथि का पता लगाकर आने वाले समय में कौशल्या माता जन्म उत्सव मनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों और गांवों को मजबूती देने के लिए सरकार ने जो योजनाएं बनाई हैं, आज पूरे देश में उसकी चर्चा हो रही है। सरकार ने किसानों और आदिवासियों की आय बढ़ाने के लिए गांव-गांव में फूड प्रोसेसिंग का काम शुरू किया है। सुराजी गांव योजना में 10 हजार 500 गौठान निर्माण की स्वीकृति हो चुकी हैं। इनमें से 8500 से ज्यादा गौठानों का निर्माण पूरा भी हो चुका है। जिसमें से साढ़े 6 हजार गौठान सक्रिय हैं।

गौधन न्याय योजना बनेगी गांव की अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु-

सीएम ने कहा कि गोधन न्याय योजना की शुरुआत दो रुपए किलो में गोबर खरीदकर जैविक खाद बनाने से हुई थी, लेकिन अब बिजली उत्पादन, प्राकृतिक पेंट के निर्माण से लेकर गो-काष्ठ बनाने तक का काम इसी योजना में हो रहा है। गोधन न्याय योजना का लाभ 2 लाख से ज्यादा लोग उठा रहे हैं, इनमें लगभग आधी संख्या माताओं और बहनों की है। इस योजना से महिला सशक्तीकरण का लक्ष्य भी हासिल कर रहे हैं। तेल मिल, दाल मिल, राइस मिल की स्थापना का कार्य भी इसी योजना में किया जा रहा है। गोधन की सेवा और संरक्षण के साथ-साथ कृषि लागत में कमी लाने, पर्यावरण को बेहतर बनाने, किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के साथ इस योजना से लाखों लोगों को रोजगार भी मिला है।

हिंदी माध्यम के 32 नए आत्मानंद स्कूल भी खुलेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के अंतर्गत 172 स्कूल स्थापित करने के बाद अब हिंदी माध्यम के 32 स्वामी आत्मानंद विद्यालय आरंभ करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि हाल ही में स्वामी आत्मानंद स्कूलों की प्रत्येक कक्षा में प्रवेश संख्या 40 से बढ़ाकर 50 करने की घोषणा की है। इससे अब और भी बड़ी संख्या में छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते तीन साल हमने छत्तीसगढ़ में विकास की नींव स्थापित करने का काम किया है। अब उस नींव पर इमारत आकार लेने लगी है। आने वाले समय में हम अपने सपनों के अनुरूप गौरवशाली छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे।

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