बंदी की अस्पताल में मौत, आबकारी विभाग पर लग रहे हैं प्रताड़ना के आरोप, डॉक्टरों के पैनल से पीएम कराने की उठी मांग
बंदी की अस्पताल में मौत, आबकारी विभाग पर लग रहे हैं प्रताड़ना के आरोप, डॉक्टरों के पैनल से पीएम कराने की उठी मांग

जांजगीर-चांपा। दो दिन पूर्व आबकारी एक्ट के तहत जिला जेल में निरुद्ध बंदी ने आज जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया। बंदी की मौत से गुस्साए परिजनों और सामाजिक लोगों ने एसपी ऑफिस पहुंचकर घेराव कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने आबकारी विभाग मुर्दाबाद के नारे लगाए। ग्रामीणों का आरोप है कि आबकारी विभाग के मारपीट की वजह से मौत हुई है।

15 को ले गए, आज मौत की मिली सूचना

नवागढ़ थाना क्षेत्र के कटौद गांव का 32 वर्षीय जगदीश गोंड पिता लखन लाल गोंड के परिजनों का कहना है कि वह 15 अप्रैल को शादी में शामिल होने बिर्रा जा रहा था, उसी दौरान केरा-देवरी के बीच जगदीश को आबकारी विभाग के अमले ने पकड़ा और उसे जेल में डाल दिया। परिजनों को जगदीश के मौत की सूचना आज सुबह मिली। परिजनों के मुताबिक कोटवार ने बताया कि जगदीश की लाश जिला अस्पताल के मर्चुरी में रखी है और वे जाकर उसका सुपुर्दनामा लें।

पीएम करने से रोका

जगदीश के मौत की सूचना मिलते ही उसके परिजन, सामाजिक संगठन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए। वे एसपी कार्यालय पहुंचे और घेराव कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा आबकारी विभाग मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। इस मामले में परिजनों का आरोप है कि जगदीश की मौत आबकारी विभाग के कर्मचारियों की मारपीट की वजह से हुई है। ग्रामीणों ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम करने रोक दिया। जगदीश के परिजनों का कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए।

परिजनों की ये है मांग

मृतक के परिजन मांग कर रहे हैं कि शव का 04 डॉक्टरों की टीम के माध्यम से पोस्टमार्टम कराया जाये। परिजन उस आरोपी से भी मिलना चाहते हैं, जिसे जगदीश के साथ गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। साथ ही पर्याप्त मुआवजे की भी मांग की जा रही है। इस मामले में नायब तहसीलदार सीता शुक्ला ने बताया कि परिजनों की मांगों पर विचार किया जा रहा है।

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