रांची। देश में चर्चित सबसे बड़ा चारा घोटाला मामलों के सजायाफ्ता राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को झारखंड उच्च न्यायलय से जमानत मिल गई है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने लालू यादव को कुछ शर्तों के साथ जमानत की सुविधा प्रदान कर दी। चारा घोटाला के पांच मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के बाद अदालत ने उन्‍हें बड़ी राहत दी है। यह मामला जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था।

सशर्त मिली जमानत

झारखंड हाई कोर्ट में जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में अभियुक्त लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। झारखंड हाईकोर्ट ने लालू यादव की जमानत याचिका मंजूर कर ली है। हाईकोर्ट में लालू यादव को जमानत की सुविधा प्रदान कर दी है। इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने लालू यादव को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने लगभग 40 महीने जेल में गुजारी है, जो आधी सजा 30 महीने से भी अधिक है। हाईकोर्ट से बेल मिलने के बाद लालू यादव को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने जमानत के लिए यह शर्त रखी है कि लालू यादव को सीबीआई कोर्ट द्वारा सजा के साथ मुकर्रर किए गए जुर्माना राशि में से 10 लाख कोर्ट में जमा करनी होगी।
लालू की जमानत पर करीब 12 बजे अदालत ने अपना फैसला सुनाया। लालू के वकील और सीबीआइ के वकील ने कोर्ट में अपनी दलीलें पेश की। इसके बाद जज ने लालू को जमानत देने का फैसला किया है। डोरंडा कोषागार मामले में लालू यादव की जमानत का विरोध कर रहे केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआइ की तर्क को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। लालू प्रसाद यादव जमानत मिलने के बाद अब जेल से बाहर आ जाएंगे।

सीबीआई कर रहा था ज़मानत का विरोध

सीबीआई ने अदालत में लालू प्रसाद यादव की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि डोरंडा कोषागार वाले मामले में कोर्ट द्वारा दी गई 5 साल सजा की आधी अवधि लालू ने जेल में नहीं बिताई है। इस पर अदालत ने अब तक उनके जेल में रहने का पूरा रिकॉर्ड खंगाला। इसके बाद जमानत की सुविधा प्रदान कर दी।
सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में पांच साल की सजा और 60 लाख का जुर्माना लगाया है। इस आदेश के खिलाफ लालू प्रसाद यादव ने झारखंड हाई कोर्ट में अपील दाखिल की है। साथ ही अदालत से जमानत की गुहार लगाई थी।
लालू प्रसाद यादव की ओर से बढ़ती उम्र और 17 प्रकार की बीमारियों का हवाला देते हुए जमानत मांगी गई थी। लालू प्रसाद की ओर से कहा गया कि उन्होंने इस मामले में 41 माह जेल में बिताए हैं, जबकि सजा की आधी अवधि 30 माह ही होती है। वे आधी सजा से 11 माह अधिक जेल में रहे हैं, इसलिए उन्हें अदालत से जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए।

विशेष इलाज के लिए कराया गया था एम्‍स में भर्ती

लालू प्रसाद यादव रांची के होटवार जेल के कैदी हैं। जिन्‍हें रिम्‍स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। इलाज के क्रम में लालू की एक किडनी फेल कर जाने पर उन्‍हें विशेष इलाज के लिए एम्‍स दिल्‍ली भेजा गया है। अभी लालू की हालत स्थिर बताई जा रही है। उनका क्रिटनीन लेवल 5 से ऊपर पहुंच गया है। लालू की बेटी मीसा भारती दिल्‍ली में अपने पिता की देखरेख कर रही है। लालू के छोटे बेटे तेजस्‍वी यादव ने अपने पिता के शीघ्र स्‍वस्‍थ होने के लिए लोगों से दुआएं करने की अपील की है। लालू को जमानत मिलने के बाद लालू परिवार और राजद में जश्‍न का माहौल है। पटना में राजद कार्यकर्ता एक-दूसरे से गले मिलकर अपने नेता के जेल से छूटने की खुशियां मना रहे हैं।

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