TI मुन्नी परिहार रिश्वत लेते गिरफ्तार, लोकायुक्त ने की कार्रवाई, सट्टा खिलाने के लिए हर महीने लेती थी रूपये
TI मुन्नी परिहार रिश्वत लेते गिरफ्तार, लोकायुक्त ने की कार्रवाई, सट्टा खिलाने के लिए हर महीने लेती थी रूपये

आगर मालवा। उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने कानड़ थाना प्रभारी मुन्नी परिहार को रिश्वत लेते रेंज हाथ गिरफ्तार किया है। मुन्नी परिहार सट्टा खेलाने के लिए 29 हजार रुपये की रिश्वत ले रही थी। लोकायुक्त की टीम थाना प्रभारी से पूछताछ कर रही है।

एमपी के आगर मालवा जिले में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है। उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने कानड़ थाना प्रभारी को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।

लगातार वसूली से परेशान था सटोरिया

मुन्नी परिहार एक सटोरिया से सट्टा खेलाने के लिए रिश्वत ले रही थी। हर महीने रिश्वत और प्रेशर की वजह से सटोरिया परेशान था। साथ ही वह अब यह काम छोड़ना चाह रहा था। इसके बावजूद थाना प्रभारी मुन्नी परिहार दबाव बना रही थी। इसके बाद रितेश राठौर ने लोकायुक्त से शिकायत की थी। लोकायुक्त की टीम ने मामले में सत्यापन के बाद कार्रवाई की है। इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

दरअसल, आवेदक रितेश राठौर, निवासी कानड़, जिला आगर मालवा ने 11 अप्रैल को उज्जैन लोकायुक्त के एसपी अनिल विश्वकर्मा को आवेदन दिया था। इसमें उसने शिकायत की थी कि थाना प्रभारी कानड़ मुन्नी परिहार उस पर सट्टा चलाने का दबाव बना रही है। साथ ही हर महीने 20 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रही है। आवेदक की शिकायत पर 25 अप्रैल को लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई की है। लोकायुक्त डीजीएसपी राजकुमार शराफ के नेतृत्व में थाना प्रभारी को ट्रैप किया गया है।

मुन्नी की संपत्ति की भी जांच

लोकायुक्त टीम ने आगर मालवा में आवेदक से 29 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए TI मुन्नी परिहार को रंगेहाथों पकड़ा है। थाना प्रभारी की गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त की टीम अन्य कार्रवाई की है। साथ ही मुन्नी परिहार की अन्य संपत्तियों की जांच भी संभव है। बातचीत के दौरान पता चला कि मुन्नी परिहार, थाना प्रभारी कानड़ ने आवेदक से पिछले महीने के बाकी 9 हजार और चालू महीने के बीस हजार रुपए के हिसाब से कुल 29 हजार की मांग की थी।

व्यापर में नुकसान के बाद बन गया था सटोरिया

आवेदक के अनुसार उसे कोरोना लॉकडाउन में गल्ले के व्यापार में नुकसान हुआ था। जिसके बाद साल 2021 में उसने सट्टा चलाया था। इसके लिए टीआई हर महीने 20 हजार रुपये लेती थी। साथ ही वह दबाव बनाकर सट्टा चलवा रही थी और हर महीने 20 हजार रुपए लेती थी। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद जिले में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि इस थाने के अन्य लोग भी राडार पर हैं।

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