बिलासपुर: रेडी टू ईट के खिलाफ महिला स्व सहायता समूह द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई 287 याचिकाओं को हाईकोर्ट ने एक साथ खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में शासन की नीति को सही पाते हुए इसे सेंट्रलाइज किए जाने का निर्णय दिया। रेडी टू ईट मामले में शासन का मानना था कि इससे बच्चों को दिए जाने वाले आहार की व्यवस्था और गुणवत्ता बेहतर होगी। वही महिला समूहों का आरोप था कि उनसे उनका रोजगार छीना जा रहा है । गौरतलब है कि 5 अप्रैल को हुई सुनवाई में शासन के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान अंतरिम रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद इसके लिए याचिकाकर्ताओं ने एकत्रित शपथ पत्र पेश किया था जिसके जवाब के लिए बीज निगम ने समय मांगा था।

क्या था राज्य सरकार का फैसला
आपको बताते चलें कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को बांटे जाने वाले रेडी टू ईट को अब ऑटोमेटिक मशीन से उपलब्ध करने का निर्णय लिया था। जिसके पास शासन के इस निर्णय को पांच महिला स्व सहायता समूह ने चुनौती देते हुए कहा कि बिना नोटिस और सुनवाई के मौका दिए बगैर शासन ने ऐसा निर्णय पास किया है। इसे प्रदेशभर की करीब 20000 महिलाओं को समस्या का सामना करना पड़ेगा। इस मामले में हुई बहस के बाद जस्टिस आरसीएस सामंत ने 30 अप्रैल अथवा उससे पहले इस मामले में कोर्ट का अंतिम आदेश आने तक यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश दिए थे। आज हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के पक्ष में निर्णय लेते हुए सभी 287 याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम, कू और वॉट्सएप, पर…