छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

बिलासपुर। झीरम घाटी मामले में गठित नए जांच आयोग द्वारा सुनवाई शुरू किये जाने के बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस गठन के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी है। उन्होंने दलील दी है कि जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग की रिपोर्ट को 6 महीने के भीतर विधानसभा में रखे बिना नए आयोग का गठन कर दिया गया है।

राजयपाल को सौंपी थी रिपोर्ट

झीरम घाटी हत्याकांड पर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 28 मई 2013 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया था। 30 सितंबर 2021 को आयोग का कार्यकाल खत्म होने के बाद 11 नवंबर 2021 को आयोग के सचिव एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) संतोष कुमार तिवारी ने राज्यपाल अनुसुईया उइके को रिपोर्ट सौंप दी थी।

नए आयोग का किया गठन

छत्तीसगढ़ सरकार ने जांच आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की बजाए 11 नवंबर 2021 को ही नया दो सदस्यीय जांच आयोग गठित कर दिया और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश के अग्निहोत्री को आयोग का अध्यक्ष तथा न्यायमूर्ति जी. मिन्हाजुद्दीन को आयोग का सदस्य नियुक्त कर दिया। आयोग को जांच के लिए छह महीने का कार्यकाल दिया गया है, जबकि आयोग की पहली सुनवाई 19 अप्रैल 2022 को बिलासपुर में हुई थी।

नए आयोग के गठन को चुनौती

झीरम घाटी कांड पर नए आयोग गठन को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। उनके अधिवक्ता विवेक शर्मा के जरिये याचिका में कहा गया है कि झीरम घाटी कांड की जांच के लिए पूर्व में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग गठित की थी। आयोग ने 8 साल तक सुनवाई कर जांच करने के बाद शासन को रिपोर्ट सौंप दी है। कानून के मुताबिक, आयोग की जांच रिपोर्ट छह माह के भीतर विधानसभा में पेश कर सार्वजनिक किया जाना था, लेकिन सरकार ने ऐसा न कर रिटायर्ड जस्टिस सतीश अग्निहोत्री और जस्टिस मिन्हाजुद्दीन के न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया है। ऐसे में नए आयोग के गठन के औचित्य पर सवाल जनहित याचिका में उठाया गया है।

गौरतलब है कि झीरम कांड की जांच के लिए गठित नए आयोग का कार्यकाल 6 महीने का है, और आयोग ने 11 नवंबर 2021 को गठन के बाद अब सुनवाई शुरू की है। वहीं अब जाकर नेता प्रतिपक्ष ने इस आयोग के गठन को चुनौती दी है। फ़िलहाल उनकी याचिका पर सुनवाई 9 मई को होगी।

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