अनुकंपा नियुक्ति में हुए फर्जीवाड़े में कार्रवाई जारी, शिक्षा विभाग के बाबू को किया गया बर्खास्त
अनुकंपा नियुक्ति में हुए फर्जीवाड़े में कार्रवाई जारी, शिक्षा विभाग के बाबू को किया गया बर्खास्त

बिलासपुर। शिक्षा विभाग में फर्जी तरीके से अनुकंपा नौकरी हासिल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का दौर जारी है। इस बार यहां के एक स्कूल में पदस्थ लिपिक को नौकरी से बर्खास्त किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर द्वारा यह कार्रवाई की गई है।

जिला शिक्षा अधिकारी दिनेश कौशिक ने बताया कि तखतपुर विकासखंड के ग्राम गनियारी निवासी चंद्रकांत देवांगन की अनुकंपा नियुक्ति के रूप में पदस्थापना कोटा विकासखंड के करगीकला हायर सेकंडरी स्कूल में की गई थी। जिसके खिलाफ मुंगेली निवासी आसरे तिवारी ने शिकायत करते हुए इस नियुक्ति को नियम विरूद्ध बताया था।

दरअसल अनुकंपा नौकरी देने के संबंध में शासन का स्पष्ट गाईड लाइन है कि किसी कर्मचारी की मृत्यु पर परिवार के आश्रित को तभी नौकरी दी जाएगी, जब परिवार का कोई भी सदस्य नौकरी नहीं का रहा हो। शिकायत में इसी नियम के उल्लंघन का उल्लेख किया गया था।

इस मामले की जांच कराई गई, जिसमें पाया गया कि लिपिक चंद्रकांत देवांगन के परिवार में और सदस्य शासकीय सेवा में पूर्व से हैं। अतः साक्ष्य छुपाकर उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति हासिल की है। मामले में चंद्रकांत को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के परिपालन में सुनवाई का अवसर प्रदान किया गया, जिसमें उनका जवाब संतोषप्रद नहीं पाया गया। अंततः इस मामले में अनुकंपा नियुक्ति को नियम विरुद्ध मानते हुए लिपिक चंद्रकांत देवांगन को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया।
देखें आदेश :

वित्तीय गड़बड़ी के मामले में लिपिक निलंबित

बिलासपुर जिले में ही एक अन्य मामले में वित्तीय गड़बड़ी एवं अनुशासनहीनता के आरोप में बेलतरा स्कूल के लिपिक कैलाश चंद्र सूर्यवंशी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं स्कूल के प्रभारी डीडीओ एवं व्याख्याता पी.एल.कुर्रे के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अनुशंसा संचालक लोक शिक्षण रायपुर से की गई है।

जिला शिक्षा अधिकारी डी.के.कौशिक ने बताया कि बिल्हा विकासखण्ड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बेलतरा में वित्तीय गड़बड़ी सहित अनेक शिकायतें की गई थी। शिकायतों की जांच कराई गई। जांच में लिपिक सूर्यवंशी द्वारा पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में दोषी, अनधिकृत अनुपस्थिति, अनुशासनहीनता के साथ-साथ प्रारंभिक रूप से वित्तीय अनियमितता की पुष्टि पायी गई। इसलिए सूर्यवंशी को निलंबित कर उनके विरूद्ध विभागीय जांच बैठाई गई है। श्री सूर्यवंशी का मुख्यालय बीईओ कार्यालय कोटा रहेगा।

स्थायी प्राचार्य को चार्ज नहीं दे रहे व्याख्याता

जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इसी स्कूल में पदस्थ व्याख्याता पी.एल.कुर्रे के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के संचालक के समक्ष अनुशंसा की गई है। प्रस्तुत जांच रिपोर्ट के अनुसार संस्था के स्थायी प्राचार्य एन.पी.राठौर के अवकाश पर जाने के कारण संस्था का डीडीओ प्रभार अस्थायी तौर पर व्याख्याता पी.एल.कुर्रे को सौंपा गया था। उन्हें अधिकारी की उपस्थिति अथवा अधिकतम 6 महीने के लिए प्रभार दिया गया था। संस्था के स्थायी प्राचार्य की उपस्थिति बाद भी व्याख्याता कुर्रे द्वारा संस्था का प्रभार उन्हें नहीं सौंपा गया। इसा सम्बंध में उच्चाधिकारियों द्वारा बार-बार निर्देश दिये जाने के बावजूद आदेश की अवहेलना की गई।

प्राचार्य 6 माह से वेतन से वंचित

व्याख्याता कुर्रे की मनमानी की वजह से मूल प्राचार्य का वेतन भी छह महीने से नहीं निकाला जा सका है। पी.एल. कुर्रे संस्था से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहते हुए आहरण संबंधी कार्यों को संपादित करते चले आ रहे हैं। उनके इस कृत्य में संस्था के लिपिक कैलाश चंद्र सूर्यवंशी भी साथ दे रहे हैं। यही वजह है कि लिपिक को निलंबित कर दिया गया है, वहीं व्याख्याता के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की अनुशंसा की गई है।

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