प्रकाश मुनि ने भी हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई पर उठाई आवाज
प्रकाश मुनि ने भी हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई पर उठाई आवाज

रायपुर। कबीर पंथ के प्रमुख प्रकाशमुनि साहेब ने कहा है कि जल जंगल जमीन से ही प्रकृति में जीवन है, अतः इनकी सुरक्षा हम सब का कर्तव्य है। यह सन्देश देते हुए उन्होंने हसदेव अरण्य क्षेत्र में वृक्षों की कटाई को लेकर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कबीर पंथी समाज से वृक्षों की कटाई के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया है।

प्रकाश मुनि साहेब ने फेसबुक पर लिखा है कि “जल जंगल जमीन से ही प्रकृति में जीवन है। अतः इनकी सुरक्षा हम सब का कर्तव्य है, जब सारी दुनिया जलवायु परिवर्तन की मार से त्राहिमाम है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के हसदेव क्षेत्र के जंगलों में राजस्थान को कोयला देने लाखों वृक्षों की कटाई दुर्भाग्यपूर्ण है।”

“मैं समस्त कबीरपंथ समाज की ओर से हसदेव के जंगलों की कटाई का सख्ती पूर्वक विरोध करता हूं। साथ ही समस्त कबीरपंथ समाज से इस अनैतिक कार्य को रोके जाने हेतु आवाज़ उठाने के लिए निवेदन करता हूँ, क्योंकि जंगलों में एक वृक्ष का काटा जाना सौ प्राणियों की हत्या के बराबर पाप है।” साथ ही प्रकाश मुनि एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि “सरकार की भूमिका रक्षक की हो, न कि भक्षक की।”

गौरतलब है कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा-केते कोल ब्लॉक में रातों-रात हो रही हरे-भरे पेड़ों की कटाई का वहां के ग्रामीण विरोध कर रहे हैं, साथ ही इस कटाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई है। अब प्रदेश में कबीर पंथी समाज ही नहीं दूसरे समाज के बीच भी अपनी पकड़ रखने वाले प्रकाश मुनि साहब भी कटाई के खिलाफ मुहिम में उतर आये हैं।

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