हार्ट अटैक आने से फट गई थी दिल की दीवार, बगैर चीर-फाड़ के 71 साल के बुजुर्ग की डॉक्टरों ने बचाई जान

रायपुर। राजधानी के सरकारी अस्पताल एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट ( ACI ) में 71 साल के बुर्जुग का बगैर चीर-फाड़ के एंजियोप्लास्टी से दिल की जटिल बीमारी सफल इलाज किया गया है। दरअसल मरीज को हार्ट अटैक आने से दिल की दीवार फट गई थी, जिसे डॉक्टरों द्वारा बटन डिवाइस लगाकर बंद किया गया।

चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो ऐसी स्थिति में मरीज के बचने की संभावना काफी कम रहती है। प्रदेश में इस तरह का दूसरी बार सफल ऑपरेशन बार किया है।

तीन साल पहले भी आया था ऐसा ही केस

वर्ष 2019 में ऐसा ही एक केस आया था। इसका इलाज भी बटन डिवाइस लगाकर किया गया था। एसीआई के एचओडी डॉ. स्मित श्रीवास्तव से मिली जानकारी के अनुसार 71 साल के मरीज को 27 अप्रैल को मेजर हार्ट अटैक आया। शॉक की स्थिति में निजी अस्पताल से इसे एसीआई में रेफर कर दिया गया। मरीज की रीढ़ की हड्‌डी में पहले से ही परेशानी थी। इसके कारण मरीज के पैरों को ऑपरेशन टेबल पर सीधा व स्थिर नहीं रख पा रहा था। इसलिए पैर के नस के जरिए हार्ट तक तार पहुंचाया गया और बगैर चीर-फाड़ दिल का ऑपरेशन किया गया। यह सर्जरी पूरे डेढ़ घंटे तक चली।

इस तरह हुई सर्जरी

बटन डिवाइस यानी ट्रांसक्यूटेनियस क्लोजर की प्रक्रिया पहले ही जटिल होती है। उस पर मरीज की रीढ़ की हड्डी का टेढ़े-मेढ़े होने से चुनौती और बढ़ जाती है। दरअसल इसमें पैरों की मांसपेशियों में संकुचन की लहर उठती है। मरीज की पहले हार्ट की दो नसों की एंजियोप्लास्टी की गई, ताकि दिल को सपोर्ट मिल सके। फिर सुराख को बटन डिवाइस से बंद किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज की हालत स्थिर है एक-दो दिन में मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

इस टीम ने किया सफल ऑपरेशन

प्रोफेसर डॉ. स्मित श्रीवास्तव के साथ निश्चेतना विभाग से डॉ. शशांक, डॉ फाल्गुधारा पांडा, कार्डियक सर्जरी से डॉ. निशांत सिंह चंदेल, कार्डियोलॉजी से डॉ. जोगेश, डॉ सरजू, डॉ. निधि, टेक्नीशियन इनचार्ज आईपी वर्मा, नवीन ठाकुर, खेम सिंह, अश्वन्तिन, महेंद्र, प्रेम, कुसुम, और नर्सिंग सिस्टर में हेमलता, पूर्णिमा, अनीता, निर्मला शामिल थे।

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