भगोड़े आईपीएस के खिलाफ जांच में मिले भ्रष्टाचार के सुबूत
भगोड़े आईपीएस के खिलाफ जांच में मिले भ्रष्टाचार के सुबूत

लखनऊ। आईपीएस मणिलाल पाटीदार के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज करने की तैयारी है। पाटीदार के खिलाफ विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के मामले में खुली जांच की थी। इस जांच में पाटीदार के खिलाफ कई सुबूत मिले हैं, जिसके आधार पर अब मणिलाल पाटीदार के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि पाटीदार के अन्य साथियों जिसमें इंस्पेक्टर व महोबा कोतवाली के सिपाही भी शामिल हैं, के भ्रष्टाचार की जांच अभी जारी है।

खनन व्यवसाई ने कर ली थी आत्महत्या

मणिलाल पाटीदार को 9 सितंबर 2020 को महोबा के एसपी के पद से भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। मणिलाल पर महोबा के एक खनन व्यवसाई इंद्रकांत त्रिपाठी ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। उसके बाद इंद्रकांत त्रिपाठी ने आत्महत्या कर ली थी। पाटीदार के खिलाफ महोबा कोतवाली में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था।

इसके अलावा शासन स्तर से इस मामले में एसआईटी का गठन किया था, एसआईटी की जांच में महोबा के तत्कालीन एसपी को दोषी माना गया था। शासन ने पाटीदार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार की जांच विजिलेंस को सौंप दी थी। विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के मामले की जांच पूरी कर ली है। इस बारे में कई बार पाटीदार को नोटिस भेजा गया, लेकिन पाटीदार हाजिर नहीं हुए। वहीं पुलिस की ओर से भी पाटीदार की तलाश जारी है।

एक लाख का इनाम है घोषित

पाटीदार पर पहले एसपी स्तर से 25 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया। बाद में आईजी स्तर पर 50 हजार का पुरस्कार घोषित हुआ और आखिर में एडीजी प्रयागराज के स्तर से एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया। इनाम घोषित होने के साल भर बाद भी पाटीदार को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

आय से अधिक संपत्ति की जांच अभी अधूरी

पाटीदार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की भी जांच चल रही है। लेकिन पाटीदार के फरार होने के कारण यह जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है। इस मामले में विजिलेंस को पाटीदार का बयान दर्ज करना है। उसके बाद बाद विजिलेंस किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी।

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