नवा रायपुर में धरनास्थल बनाने के फैसले का विरोध शुरू
नवा रायपुर में धरनास्थल बनाने के फैसले का विरोध शुरू

रायपुर। राजधानी में धरना प्रदर्शन के लिए नवा रायपुर में नया धरना स्थल प्रस्तावित किया गया है, और यहां पर सुविधाएं जुटाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए तीन एकड़ का स्थान सुरक्षित रखा गया है। नए धरना स्थल पर शेड, बिजली-पानी का प्रबंध किया जा रहा है। इसकी जहां एक ओर बूढ़ा तालाब क्षेत्र के व्यवसायी सराहना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर संगठनों ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया है।

गौरतलब है कि वर्तमान में बूढ़ा तालाब में धरना स्थल चिन्हित है और यहां होने वाले प्रदर्शनों से आवाजाही करने वालों और व्यवसाइयों को दिक्कत होती है। पिछले दिनों धरना-प्रदर्शन, आंदोलन की अनुमति के लिए लंबा-चौड़ा नियम कायदा तैयार किया गया है, इसका प्रमुख तौर पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा विरोध किया जा रहा है और 16 मई को पार्टी ने प्रदेशव्यापी आंदोलन करने की घोषणा की है।

भाजपा के विरोध के बीच अब यह खबर आ रही है कि सरकार ने धरना-प्रदर्शन के लिए नवा रायपुर में 3 एकड़ जमीन चिन्हित करने और जरुरी सुविधाएं मुहैया करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। अब राज्योत्सव मैदान के सामने तीन एकड़ जमीन पर निर्माण कार्य शुरू होंगे।

प्रशासन के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है। कर्मचारी संगठनो के पदाधिकारियों ने तो अब इसे अधिकारों का हनन और आपातकाल लगाने जैसा कदम बताया है। कर्मचारी नेता विजय झा ने तो कहा कि प्रशासन को सीधे आपात काल लगा देना चाहिए। शहर से 25 किलोमीटर दूर अगर धरना स्थल होगा तो वहां कौन प्रदर्शन करने जायेगा। वहीं प्रदर्शन का कवरेज करने के लिए मिडिया के साथी आखिर वहां कैसे पहुंचेंगे।

कर्मचारी नेता विजय झा ने कहा कि प्रशासन चाहे जहां भी धरना-स्थल बना ले, हम तो बूढ़ातालाब में प्रदर्शन करेंगे और गिरफ़्तारी देंगे। हम शहर से बाहर कहीं भी प्रदर्शन के लिए नहीं जायेंगे। बहरहाल पहले से ही नए नियम-कायदो को लेकर विरोध झेल रही प्रदेश की सरकार धरनास्थल की जगह राजधानी के नवा रायपुर में शिफ्ट करती है, या फिर अपने फैसले को वापस लेती है।

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