अब चुनावी मार्केट में मार्केटिंग कंपनियों की एंट्री

TRP डेस्क : अब चुनाव का बाजार मार्केटिंग कंपनियों से गुलजार होने लगा है। दरअसल चुनाव के क्षेत्र में अब मार्केटिंग करने वाली कंपनियों ने अपने पांव रख दीए हैं। ये मार्केटिंग कंपनियां चुनाव में प्रत्याशी की छवि सुधारने से लेकर उसे वोट दिलवाने तक का दावा करती हैं। इसके लिए वे सोशल मीडिया हैंडलिंग, सर्वे, सभाएं, समूह में मैसेज और कॉल करने से लेकर तमाम हथकंडे अपनाने को तैयार हैं, जिससे किसी भी प्रत्याशी के छवि अपने चुनावी क्षेत्र में मजबूत हो सके। इसके लिए इन मार्केटिंग कंपनियों के पास कई पैकेज उपलब्ध होते हैं जिनका चयन प्रत्याशी अपने बजट के अनुसार कर सकता है।

100% सकारात्मक परिणाम के दावे

चुनावी बाजार में आई ये मार्केटिंग कंपनियां यह दावा करती हैं कि उनकी मार्केटिंग स्ट्रेटजी से किसी भी प्रत्याशी की छवि में 100% सकारात्मक परिणाम आएगा। कुछ कंपनियां तो ऐसा भी दावा कर रही हैं कि उनकी मार्केटिंग स्ट्रेटजी सही तरीके से फॉलो करने पर प्रत्याशी की जीत निश्चित है। इस बात की पड़ताल के लिए TRP ने ऐसी ही एक कंपनी से विधानसभा चुनाव का प्रत्याशी बनकर बात की और पड़ताल कर इस बात की गहराई समझने की कोशिश की। इस बातचीत में सामने आया कि इस काम के लिए कंपनियाँ प्रत्याशियों से संपर्क करके उन्हें कई प्रकार के प्रलोभन देकर अपनी स्कीम समझाते हैं, और स्कीम समझ में आने पर प्रत्याशी इन स्कीमों पर हाथों-हाथ मोटी रकम लगाने को भी तैयार हो जाता है। यह भी देखा गया है कि कुछ प्रत्याशी स्वयं से इन कंपनियों तक गए हैं और जाकर उनसे यह मार्केटिंग का काम करवाया है।

फिक्स है रेट लिस्ट

TRP से हुई खास बातचीच में पता चला कि “चुनावी बाजार की इन मार्केटिंग कंपनियों के रेट लिस्ट फिक्स हैं। इन कंपनियों के पास ₹750 से लेकर लाखों तक के पैकेज मौजूद हैं जिनका उपयोग चुनाव के प्रत्याशी अपने चुनाव में कर सकते हैं। इसमें ₹750 में केवल डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए प्रतिदिन एक पोस्ट बनाकर कंपनी के द्वारा दी जाती है। जैसे जैसे पैकेज की कीमत बढ़ती जाती है वैसे वैसे सुविधाएं भी बढ़ती जाती है। थोड़े महंगे पैकेज में सोशल मीडिया हैंडलिंग के लिए एक व्यक्ति भी मुहैया कराया जाता है। जो प्रत्याशी के सोशल मीडिया अकाउंट्स में कंटेंट लिखने का काम करता है। इसके अलावा अधिक पैसे देने पर सोशल मिडीया पर ज्यादा एक्सपोजर और अधिक लाइक, शेयर आदि भी उपलब्ध हो जाता है। इन सब के लिए इस मार्केट में दाम फिक्स है जिसकी जैसी इच्छा को अपने अनुसार पैकेज खरीद के अपना प्रचार करवा सकता है।

सिर्फ डिजिटल ही नहीं जमीनी स्तर पर भी कैंपेन

TRP से हुई बातचीत में कंपनीय ने दावा किया कि चुनावी समर में जमीनी स्तर पर भी वह काम करेंगे। इसके लिए विशेष तौर पर तैयार की गई टीम विधानसभा चुनाव क्षेत्र में आकर प्रत्याशी के समर्थन में काम करेंगे। TRP ने अपनी पड़ताल में जो पाया उसके अनुसार यह कंपनियां महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए महिलाओं का एक समूह चुनावी क्षेत्र में भेजती हैं। जहां वह घर-घर जाकर महिलाओं से संपर्क करती हैं और प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए उन्हें प्रेरित करती है। वहीं प्रशिक्षित समूहों से नुक्कड़ नाटक और कई अन्य तरह के लुभावने कार्यक्रम करके प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करवाने का दावा कंपनी ने किया है।

कई कार्यक्रमों की बनी हुई है लिस्ट

इन कंपनियों का अपना एक निश्चित ब्रोशर बना हुआ है जिसके तहत यह कंपनियां कई काम करती हैं। TRP से हुई बातचीत में कंपनी के कर्मचारी ने बताया कि कंपनी सोशल मीडिया मैनेजिंग से लेकर कैंपेनिंग, मार्केटिंग, कैंपेनिंग मेटीरियल उपलब्ध कराना और चुनाव के पहले महत्वपूर्ण सर्वे कराने जैसे काम भी करती हैं। अधिक जानकारी लेने पर पता चला कि कंपनियां सोशल मीडिया हैंडलिंग, अनुभवी लोगों के द्वारा पूरा चुनाव प्रचार का प्रबंधन, समूह में फोन, मैसेज या व्हाट्सएप करना, नुक्कड़ नाटक करना, प्रोजेक्टर शो करना, प्रचार के लिए सर्वे करना और वीडियो सर्विस प्रोवाइड करने जैसे काम करती हैं। इसके अलावा चुनावी सभाओं आदि के लिए इवेंट मैनेजमेंट जैसे काम भी इन कंपनियों के द्वारा किए जाते हैं।

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