उदयपुर। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी की तीन दिवसीय चिंतन शिविर में देश भर के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में कोंग्रेसी नेता शामिल हुए। कांग्रेसी नेताओं के बीच पार्टी एवं संगठन को मजबूत करने सहित 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर पार्टी द्वारा कई अहम फैसले लिए गए।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के चिंतन शिविर के दूसरे दिन शनिवार को उदयपुर में पार्टी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों, प्रदेश इकाई के अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और कई अन्य नेता मौजूद थे। शिविर के पहले दिन शुक्रवार को सोनिया गांधी ने कांग्रेस में आमूलचूल बदलाव की पैरवी करते हुए कहा था कि असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जाता है।
जी-23 नेताओं ने मांग की थी कि बोर्ड का गठन किया जाए। पार्टी सूत्रों ने यह भी जानकारी दी कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अगले साल कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा करेंगे और इसमें से अधिकांश जगहों की ‘पदयात्रा’ होगी। सामाजिक न्याय पर पार्टी पैनल ने कहा कि वह कांग्रेस कार्य समिति सहित कमजोर वर्गों के लिए संगठन के भीतर सभी स्तरों पर 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने की सिफारिश करेगा। विधानसभा और संसद में ओबीसी के लिए आरक्षण की भी सिफारिश की गई है।
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और के राजू ने मीडिया को बताया कि एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता के संदेश की पुष्टि के लिए संगठनात्मक सुधारों की आवश्यकता है। अंतिम निर्णय से पहले पैनल की सिफारिशों पर कांग्रेस कार्य समिति द्वारा विचार किया जाएगा। शिविर के पहले दिन, भव्य पुरानी पार्टी ने ‘एक परिवार, एक टिकट नियम’ की घोषणा करते हुए कहा कि यह सम्मेलन के बाद बड़े संगठनात्मक परिवर्तनों की शुरुआत करने के लिए तैयार है।
गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने की परिष्ठभूमि में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक फिल्म पर बोलना, कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बोलने से ज़्यादा अहम है। उन्होंने राहुल भट्ट की पत्नी का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, प्रधानमंत्री के लिए एक फिल्म (द कश्मीर फाइल्स) पर बोलना, कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बोलने से ज़्यादा अहम है। भाजपा की नीतियों की वजह से आज कश्मीर में आतंक चरम पर है। गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री जी, सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लीजिए और शांति लाने की कोशिश कीजिए। गौरतलब है कि 2010-11 में जम्मू-कश्मीर में प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज के तहत क्लर्क की नौकरी पाने वाले भट्ट को आतंकवादियों ने बृहस्पतिवार को बडगाम जिले के चडूरा कस्बे में गोली मार दी थी।
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