चंडीगढ़। पंजाब (Farmers agitation again in Punjab) के 23 किसान संघों से जुड़े सैकड़ों किसान सुबह से ही चंडीगढ़ की ओर आने लगे। इन यूनियनों के नेताओं को एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के लिए बुलाया गया। जिसके बाद किसान संघ के नेताओं ने पंजाब के (CM Bhagwant Mann) मुख्यमंत्री भगवंत मान के अलावा किसी और से मिलने से इनकार कर दिया, जिससे दोनों पक्षों के बीच गतिरोध पैदा हो गया है।


गेहूं खरीद पर बोनस का मुद्दा गरमाया
पंजाब के किसान गेहूं खरीद पर बोनस और 10 जून से धान की बुवाई शुरू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद चंडीगढ़-मोहाली सीमा के निकट धरने पर बैठ गए हैं।
यूनियन के नेताओं ने दावा किया कि पूरे पंजाब में पुलिस ने बैरिकेड्स लगा रखे थे और किसानों को चंडीगढ़ में पक्के धरने के लिए मार्च स्थल पर पहुंचने से रोक दिया गया।
सरकार का साथ दें किसान: भगवंत मान
इधर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विरोध को ‘‘अनुचित और अवांछनीय’’ करार देते हुए किसान यूनियनों से नारेबाजी बंद करने और पंजाब के घटते जल स्तर को रोकने के लिए राज्य सरकार का साथ देने के लिए कहा।
मान ने कहा कि किसानों के लिए बातचीत के दरवाजे खुले हैं, लेकिन ‘‘खोखले नारे’’ घटते जल स्तर पर लगाम लगाने के उनके संकल्प को नहीं तोड़ सकते। उन्होंने यह भी कहा कि वह एक किसान के बेटे हैं और फसल उत्पादकों की समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं।