रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर में सामान्य रोगों के लिए अलग से स्क्रिनिंग ओपीडी की व्यवस्था की गई है। इसके बाद हल्के लक्षणों वाले रोगियों को इस ओपीडी में उपचार प्राप्त हो सकेगा। वहीं नई व्यवस्था से नियमित ओपीडी पर रोगियों का भार कम हो सकेगा। यह प्रक्रिया बुधवार से प्रारंभ हो गई है।

इस विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए एम्स के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर ने बताया कि एम्स की ओपीडी में रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। फिलहाल लगभग 2200 रोगी प्रतिदिन ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इसमें कई विभागों में 250 से 300 रोगी प्रतिदिन आ रहे हैं जिनमें मेडिसिन, स्त्री रोग, अस्थि रोग, ईएनटी, त्वचा रोग और नेत्र रोग विभाग शामिल हैं। इन विभागों पर दबाव कम करने के लिए स्क्रिनिंग ओपीडी बनाई गई है।

कैसे काम करेगी नयी स्क्रीनिंग ओपीडी की व्यवस्था

इस व्यवस्था के अंतर्गत प्रमुख विभागों के चिकित्सक एक स्थान पर उपलब्ध होंगे जो सामान्य लक्षण वाले रोगियों को वहीं उपचार प्रदान करेंगे जबकि गंभीर रोगियों को मुख्य ओपीडी में भेजा जाएगा। पहले चरण में जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसिन, अस्थि रोग, स्त्री रोग, बाल रोग और फैमिली एंड कम्युनिटी मेडिसिन की स्क्रिनिंग ओपीडी बनाई गई है। यह ओपीडी प्रातः 8 बजे से 12 बजे कार्यशील रहेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्क्रिनिंग ओपीडी के पहले दिन बुधवार को लगभग 256 रोगी स्क्रिनिंग ओपीडी में पहुंचे।

बता दें कि स्क्रीनिंग ओपीडी की यह व्यवस्था केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सभी एम्स में लागू की जा रही है। इसी को एम्स रायपुर में भी लागू किया गया है। रायपुर एम्स में स्क्रिनिंग ओपीडी की जिम्मेदारी कम्युनिटी एंड फैमिली मेडिसिन विभागाध्यक्ष को दी गई है।

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