टीआरपी डेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 12 देशों में कम से कम 92 मंकीपाक्स वायरस के मामलों की पुष्टि की है। जिन 12 देशों में मंकीपाक्स के मामले सामने आए हैं। वो देश अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी, बेल्जियम, फ्रांस, नीदरलैंड, इटली और स्वीडन हैं।

हालांकि ऐसी जानकारी है कि अभी तक इस वायरस से किसी की मौत नहीं हुई है। वहीं, इन देशों में लगभग 28 मामले संभावित मामले हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उनकी पुष्टि करने के लिए जांच चल रही है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मंकीपाक्स के पुष्ट और संदिग्ध मामलों की पहचान एक स्थानिक क्षेत्र से सीधे यात्रा लिंक के बिना एक अत्यधिक असामान्य घटना का प्रतिनिधित्व करती है। गैर-स्थानिक क्षेत्रों में निगरानी सीमित कर दी गई है, लेकिन अब इसका विस्तार हो रहा है। डब्ल्यूएचओ को उम्मीद है कि गैर-स्थानिक क्षेत्रों में इक्का-दुक्का मामलों की सूचना मिल सकती है।
संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि वर्तमान उपलब्ध साक्ष्य बताते हैं कि जो लोग सबसे अधिक जोखिम में हैं, वे हैं जिन्होंने मंकीपॉक्स वाले किसी व्यक्ति के साथ निकट शारीरिक संपर्क किया है, जबकि वे रोगसूचक हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यूके और स्पेन में समलैंगिक और उभयलिंगी पुरुषों से किसी भी असामान्य चकत्ते या घावों के बारे में जागरूक होने और बिना किसी देरी के यौन स्वास्थ्य सेवा से संपर्क करने का आग्रह किया है।
मंकीपाक्स वायरस को लेकर भारत में अलर्ट
भारत में भी केंद्र सरकार मंकीपॉक्स वायरस को लेकर अलर्ट है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्र ने एनसीडीसी और आईसीएमआर को विदेश में मंकीपाक्स की स्थिति पर कड़ी नजर रखने और प्रभावित देशों से आने वाले संदिग्ध बीमार यात्रियों के नमूने को आगे की जांच के लिए पुणे स्थित एनआईवी भेजने का निर्देश दिया है।
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