योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा द्वारा पैगम्बर मुहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी भाजपा के लिए मुसीबत बन गई है। जिसके कारण भाजपा की हर ओर आलोचना हो रही है। भाजपा प्रमुख विपक्षी दल  सहित अन्य दलों के बीच घिरती नजर आ रही।  

ऐसे में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा के अन्य प्रवक्ताओं को  इस प्रकार के बयानबाजी और डिबेट से बचने के निर्देश दिए हैं। भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा पर निलंबन की कार्यवाही के बाद खबर है कि उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ताओं से न्यूज चैनल की बहस में इन दोनों मुद्दों पर बात नहीं करने के लिए कहा गया है। खास बात है कि पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के चलते भाजपा ने शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था।

मिली जानकारी के अनुसार  यूपी भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमें कानपुर मुद्दे पर होने वाली बहस में शामिल नहीं होने के लिए कहा गया है। यह देखा गया है कि कई बार एंकर आपको कुछ कहने के लिए घेर लेते हैं। अगर आप मुद्दे पर अपना बयान सुरक्षित रखते हैं, तो आपके एक पुराने बयान को सामने लाया जाता है और आपको कुछ ऐसा कहने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे आप अल्पसंख्यकों के विरोधी लगें।’

एक अन्य प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें कानपुर घटना समेत पूरे मामले पर टिप्पणी नहीं करने के लिए कहा गया है। हालांकि, उन्होंने शर्मा के बयान का बचाव किया। प्रवक्ता ने कहा, ‘उन्होंने बहस करने जैसा कुछ नहीं बोला था, लेकिन इस्लामिक देशों के अपने धर्म को लेकर चरम नजरिए के चलते मामला बड़ा हो गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में कानून और व्यवस्था के उल्लंघन पर कड़ी प्रतिक्रिया देते रहे हैं। ऐसे में कानपुर मामले में भी उनकी चुप्पी पर सवालों के घेरे में है। हालांकि, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने सार्वजनिक तौर पर कानपुर मुद्दे पर बोला। रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने सीएम का बचाव किया कि वह प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ व्यस्त थे। साथ ही यह कि मामला तेजी से सुलझ गया और उन्होंने अलग से बयान जारी नहीं किया।
एक अन्य प्रवक्ता ने कहा, ‘पार्टी समय-समय पर अपने प्रवक्ता के लिए कार्यशाला आयोजित करती है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली बातों को कहने से बचना एक नियम है।

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