रायपुर : प्रदेश में लगभग 2 माह से चल रही मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल फिलहाल स्थगित हो गई है। बुधवार को सरकार की तरफ से छत्तीसगढ़ राज्य के मंत्री कवासी लखमा ने मनरेगा कर्मचारियों से मुलाकात की। जिसके बाद मनरेगा कर्मचारियों और सरकार के बीच 4 बिंदुओं पर सहमति बनी है। सहमति बनने के बाद छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ ने हड़ताल को स्थगित करने का फैसला लिया है।

पंचायत नियमावली होगी लागू

मंत्री कवासी लखमा के साथ हुई बातचीत में यह बात निकलकर सामने आई है की मनरेगा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर फिलहाल विचार नहीं किया जाएगा। लेकिन इन कर्मचारियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के तहत पंचायती नियमावली लागू कर दी जाएगी। इसके बाद मनरेगा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों का दर्जा भले ना मिले लेकिन समस्त सुविधाएं और भत्ते नियमित कर्मचारियों के समान ही प्राप्त होंगे।

निलंबित परियोजना अधिकारियों की फिर से होगी बहाली

2 जून 2022 को सरकार ने आदेश जारी करते हुए संविदा सहायक परियोजना अधिकारी के पद पर कार्य कर रहे 21 परियोजना अधिकारियों को सेवा मुक्त कर दिया था। इसके विरोध में छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ ने आज मंत्री कवासी लखमा के समक्ष मांग रखी। जिसके बाद निर्णय हुआ है कि सभी निलंबित 21 परियोजना अधिकारियों की तत्काल बहाली की जाएगी और बहाली होने के बाद ही हड़ताल कर रहे 12,731 मनरेगा कर्मियों के द्वारा सेवा में उपस्थिति दी जाएगी।

हड़ताल काल का भी मिलेगा वेतन

अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठे मनरेगा कर्मचारियों के साथ हुई बातचीत में इस बात पर भी सहमति बनी है कि हड़ताल की अवधि को शून्य मानते हुए हड़ताल अवधि का वेतन समस्त मनरेगा कर्मचारियों को दिया जाएगा। साथ ही यह भी निश्चित किया जाएगा कि इस हड़ताल को आधार बनाते हुए किसी भी कर्मचारी के ऊपर कोई भी प्रशासनिक कार्यवाही नहीं की जाएगी।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर